खुली ममता की बेड़ी, मिली खुशियों की आजादी
दैनिक जागरण में महिला श्रमिक के बच्चे की पैर बंधी तस्वीर प्रकाशित होने के बाद एलडीए कर्मियों ने दिलवाया वॉकर।
By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 07 Dec 2018 05:13 PM (IST)Updated: Sat, 08 Dec 2018 07:38 AM (IST)
लखनऊ, जेएनएन। एलडीए के गोमती नगर स्थित कार्यालय में निर्माण कार्य में जुटी बिलासपुर छत्तीसगढ़ की मजदूर हीर कली के चेहरे पर दुनिया भर की खुशियां नजर आ रही थीं। उसका एक साथ का बेटा भव्य की आंखें चमक रही थीं। उसके पैर में गुरुवार तक बंधा गमछा खुल गया और वह अब एक वॉकर पर बैठ कर उसमें लगे स्विच दबा कर संगीत को सुनने में मग्न था। मजदूरी करने के दौरान हीर कली अपने बच्चे के पैर को बांध देती थी।
दैनिक जागरण में शुक्रवार को ये तस्वीर प्रकाशित होने के बाद एलडीए के कर्मचारियों ने बच्चे के लिए एक वॉकर की व्यवस्था भव्य के लिए करवाई। अब उसके गिरने का भय समाप्त हो गया। एलडीए में जनसंपर्क विभाग के कर्मचारी समीर मिश्र, गोपाल सिंह, निखिल, गोपाल और अन्य ने वॉकर मंगवा कर बच्चे की मां दिया। मां ने कहा कि अब वह कभी भी अपने बेटे का पैर बांध कर नहीं रखेगी।
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