स्टेशन पर आटो वालों की अराजकता, जीआरपी ने बंद किया प्रीपेड बूथ
चारबाग स्टेशन पर अराजक हो चुके आटो चालकों का बोलबाला। न ही कोई रेट तय हैं और न ही यात्रियों के सुरक्षित सफर की व्यवस्था।
लखनऊ, जेएनएन। बाहर से लखनऊ आने वाले रेल यात्रियों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए बना जीआरपी प्रीपेड बूथ बंद हो गया है। अब चारबाग स्टेशन पर अराजक हो चुके आटो का बोलबाला है। न ही कोई रेट तय हैं और न ही यात्रियों को सुरक्षित उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए कोई व्यवस्था।
रेलवे स्टेशनों पर आटो प्रीपेड बूथ को यात्रियों की सुरक्षा के लिए खोला गया था। इसके लिए चारबाग स्टेशन पर करीब 350 आटो को पंजीकृत किया गया था। यहां एक ही यूनियन आटो चलवाने का काम कई वर्षों से कर रही है। बाहरी आटो का चारबाग स्टेशन पर आना इसलिए अनुमति नहीं दी गई थी क्योंकि इससे यात्रियों की सुरक्षा को खतरा हो सकता था। उनके साथ किसी तरह की दुर्घटना न हो इसके लिए ही जीआरपी बूथ से आटो संचालित हो रहे थे। यहां के आटो चलाने वाले सिंडीकेट ने यात्रियों से अधिक किराया वसूलने के लिए अपना नया प्रस्ताव आरटीओ भेजा। जिसके तहत तय दूरी का किराया बढ़ाया जाना था। आरटीओ की ओर से किराया बढ़ाने को मंजूरी नहीं मिली।
वहीं इस बीच जीआरपी ने प्रीपेड बूथ का संचालन बंद कर दिया। अब आटो वाले सीधे स्टेशन के भीतर प्लेटफार्म तक आ जाते हैं। वह यात्रियों से मनमाना किराया भी वसूलते हैं। सदर बाजार का जो किराया पहले 80 रुपये था उसके लिए अब 150 से लेकर 200 रुपये तक वसूले जाते हैं। ऐशबाग का किराया भी 150 रुपये से अधिक है। इस बारे में एसपी जीआरपी सौमित्र यादव का कहना है कि किराया संशोधित नहीं हो रहा था। इसके लिए आटो एसोसिएशन ने संचालन से मना कर दिया। बूथ को कुछ दिन पहले बंद कर दिया गया। यात्रियों की सुरक्षा को लेकर उच्च स्तर पर बात की जा रही है।