डिजिटल इंडिया का सच : सिलाई-कढ़ाई की शिक्षिका पढ़ा रहीं कंप्यूटर
चारबाग स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में सिलाई-कढ़ाई की शिक्षिका को कंप्यूटर पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है।
लखनऊ, (जितेंद्र उपाध्याय)। डिजिटल इंडिया के तहत युवतियों को स्वावलंबी बनाने और तकनीक से जोडऩे का सच देखना हो तो राजधानी के चारबाग स्थित राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (महिला) आइए। यहां सिलाई-कढ़ाई की शिक्षिका को कंप्यूटर पढ़ाने की जिम्मेदारी दी गई है। अलीगंज के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से संबद्ध इस जीआइटीआइ में युवतियों को स्वावलंबी बनाने के लिए तकनीकी शिक्षा दी जाती है।
संस्थान में 150 छात्राएं कंप्यूटर, इलेक्ट्रॉनिक्स, सिलाई-कढ़ाई व आशुलिपिक समेत कई ट्रेडों में तकनीकी शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। डिजिटल इंडिया के तहत युवतियों को कंप्यूटर शिक्षा देने की शुरुआत की गई, लेकिन कंप्यूटर की शिक्षिका न होने से पढ़ाई नहीं हो पा रही है। ट्रेड में पढऩे वाली 58 युवतियां अपने भविष्य को लेकर परेशान हैं।
कई बार प्रधानाचार्य से गुहार लगाने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। छात्राओं का कहना है कि कोर्स पूरा नहीं हो पा रहा है। वहीं, सिलाई-कढ़ाई की शिक्षिका प्रियंका सिंह जानकारी के अभाव में कक्षाएं नहीं ले पा रही हैं। परीक्षाएं भी नजदीक आ रही हैं और कंप्यूटर लैब में प्रैक्टिस नहीं हो पा रही है। युवतियों ने निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन प्रांजल यादव से संस्थान में कंप्यूटर की शिक्षिका तैनात करने की मांग की है।
क्या कहते हैं प्रधानाचार्य?
अलीगंज जीआइटीआइ के प्रधानाचार्य सत्यकांत का कहना है कि संस्थान में कंप्यूटर की शिक्षिका नहीं हैं, लेकिन युवतियों के भविष्य को देखते हुए अलीगंज से कंप्यूटर शिक्षक भेजने की व्यवस्था की जा रही है। एक अतिरिक्त शिक्षिका को संबद्ध किया किया गया है। वार्षिक परीक्षा से पहले कंप्यूटर का कोर्स पूरा करा दिया जाएगा।