ट्रक खड़ा करने की जगह न माल गोदाम, बन गए ट्रांसपोर्टर
राजधानी के गली-मुहल्लों में फैल चुके ट्रांसपोर्ट के अनधिकृत कारोबार ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।
लखनऊ, [नीरज मिश्र]। न ट्रक खड़ा करने की जगह और न ही माल रखने की। पर ट्रांसपोर्टर हैं। सड़क और फुटपाथ पर कब्जा जमाकर बिल्टी बुक बनवाई और शुरू कर दी माल की लोडिंग-अनलोडिंग। राजधानी के गली-मुहल्लों में फैल चुके ट्रांसपोर्ट के अनधिकृत कारोबार ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। शहर के प्रमुख बाजारों में सैकड़ों की संख्या में खुले इन ट्रांसपोर्ट दुकानों का नियमानुसार पंजीयन तक नहीं कराया गया है। आरटीओ में मात्र 118 ट्रांसपोर्टर कॉमन कैरियर के रूप में पंजीकृत हैं।
दिनभर पुलिस के सामने ही लोडिंग अनलोडिंग का सिलसिला जारी रहता है। अब हालत ये है कि बिल्टी बुक छपवाकर बने इन ट्रांसपोर्टरों ने शहर के प्रमुख बाजारों की यातायात व्यवस्था ध्वस्त करके रख दी है। पुलिस टोकती है और न ही यातायात और परिवहन विभाग के जिम्मेदार। कुंडरी क्षेत्र के तिकोनी पार्क की ओर तो लोलैंड एरिया में देर रात तक ट्रकों का जमावड़ा रहता है। इससे ज्यादातर सड़कें संकरी हो जाती हैं और नतीजा जाम के रूप में सामने आता है।
पांच साल के लिए पंजीयन
कॉमन कैरियर चलाने के लिए (फारवर्डिग एजेंसियों) आरटीओ से लाइसेंस लेने की व्यवस्था है। पांच साल के लिए इसका पंजीयन कराया जाता है। इसकी फीस 1250 रुपये एकमुश्त जमा करनी होती है। एजेंसी अपनी ब्रांच दूसरी जगह खोलती है तो उसे 950 रुपया सप्लीमेंट्री पंजीयन के तौर पर जमा करना होता है।
यहां सड़क पर कारोबार
कुंडरी रकाबगंज, पांडेयगंज, रकाबगंज, नादान महल रोड, सुभाष मार्ग, गणोशगंज, लाटूश रोड, चारबाग, डालीगंज, सीतापुर रोड, मड़ियांव, दुबग्गा, आलमबाग समेत शहर के तमाम इलाकों में इस तरह की अनधिकृत एजेंसियां चल रही हैं।
क्या कहते हैं अफसर ?
अपर परिवहन आयुक्त गंगाफल के मुताबिक, बिना पंजीयन कराये चल रही फारवर्डिग एजेंसियों (कामन कैरियर) पर कार्रवाई होना चाहिए। प्रवर्तन टीम को सचेत किया जाएगा। जांच कराकर उच्चाधिकारियों को जानकारी दी जाएगी।
ये हैं नियम
- वाहन खड़े करने के लिए ट्रांसपोर्टर के पास उपयुक्त स्थान होना जरूरी
- माल को स्टोर करने के लिए सुरक्षित गोदाम आवश्यक
- लोडिंग-अनलोडिंग के लिए पार्किंग व्यवस्था होनी अनिवार्य
- उतारा गया माल और वाहन सड़क पर नहीं होने चाहिए