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लखनऊ में मर्सिडीज लड़ाने के बाद चर्चा में आया था आशीष्‍ा का नाम

अंबेडकरनगर के बड़े रईसजादे में होती है आशीष पांडेय की गिनती। अकबरपुर स्थित आशीष के पिता की डालडा फैक्ट्री बंद होने के बाद से वह लखनऊ रह रहा था।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 17 Oct 2018 09:06 AM (IST)Updated: Wed, 17 Oct 2018 09:06 AM (IST)
लखनऊ में मर्सिडीज लड़ाने के बाद चर्चा में आया था आशीष्‍ा का नाम
लखनऊ में मर्सिडीज लड़ाने के बाद चर्चा में आया था आशीष्‍ा का नाम

लखनऊ, जेएनएन। नई दिल्ली के होटल हयात में पिस्टल लहराने का वीडियो वायरल होने के बाद सुर्खियों में आए आशीष पांडेय जिले के पूर्व बसपा सांसद राकेश पांडेय के बड़े पुत्र हैं। उनके छोटे भाई रितेश पांडेय जलालपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा के मौजूदा विधायक हैं। उनके मझले चाचा पवन पांडेय अकबरपुर से शिवसेना से विधायक रहे हैं और छोटे चाचा कृष्ण कुमार पांडेय कक्कू सुल्तानपुर की इसौली विधानसभा क्षेत्र से बसपा से चुनाव लड़ चुके हैं और मौजूदा समय में कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हैं।

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जिले के सबसे मजबूत राजनीतिक घराने से जुड़े आशीष पांडेय का यूं तो कोई भी आपराधिक रिकार्ड नहीं है। लेकिन, दो साल पूर्व 12 जुलाई 2016 को आशीष का नाम उस समय सुर्खियों में आया जब लखनऊ के गोमतीनगर में होटल रेनेसां के सामने दो सौ की स्पीड में लगभग ढाई करोड़ की मर्सिडीज को किनारे खड़ी डीसीएम से टक्कर मार दी। इस घटना में एयर बैग खुल जाने से आशीष की जान बच गई। तब आशीष के नशे में होने की बात सामने आई थी। इसके अलावा नई दिल्ली में यह दूसरा मामला है जब आशीष का नाम दूसरी बार सुर्खियों में आया है। वैसे तो जिले में आशीष की गिनती एक रईसजादे के रूप में है।

आशीष पिछले एक दशक से लखनऊ में ही रहते हैं। यहां चुनाव के समय वह विशेष रूप से सक्रिय होते हैं। उत्तराखंड के चर्चित दून स्कूल में पढ़ाई के बाद आशीष ने विदेश में भी शिक्षा हासिल की है। पहले वह अपने पिता की अकबरपुर स्थित डालडा फैक्ट्री का कार्य देखता था, लेकिन फैक्ट्री बंद होने के बाद वह लखनऊ रहने लगा। यहीं से कंस्ट्रक्शन कंपनी के जरिए निर्माण कार्य, रीयल एस्टेट, पश्चिम में खनन पटटा, कई प्रांतों में टोल प्लाजा के ठेकेदारी का कार्य देखते हैं। जिस तरह का कार्य वह करते हैं उससे उन्हें तेजी से उभरता हुआ युवा उद्योगपति भी कहा जाता है। इस घटना से उनके जानने वाले लोग हैरत में हैं। परिजनों में उनके पिता एक बार विधायक व एक बार सांसद रहे हैं। उनके चाचा पूर्व विधायक पवन पांडेय व कृष्ण कुमार पांडेय के खिलाफ दर्जनों मामले दर्ज हैं। इनमें से बहुचर्चित केरे सिंह हत्याकांड भी शामिल है जिसमें दोनों भाई नामजद हुए थे। इतना ही नहीं पूर्व विधायक पवन पांडेय की गिनती नामचीन माफिया सरगना के रूप में भी होती रही है।


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