आपकी गाड़ी का व्यावसायिक नंबर कोई और तो नहीं कर इस्तेमाल
कार मालिक ने दी पुलिस को सूचना, कृष्णानगर थाने वाहन जब्त। परिवहन विभाग बेपरवाह, छानबीन में जुटी पुलिस।
लखनऊ, जेएनएन। जी हां, ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया है। आशियाना स्थित लोकबंधु अस्पताल के पास रविवार को अपनी गाड़ी का हूबहू नंबर दूसरी कार पर देख कार मालिक भौंचक रह गए। उन्होंने इसकी सूचना सौ नंबर पर दी। पुलिस हरकत में आई और कार चालक राशिद खान को पकड़कर अपने साथ ले आई और वाहन को कृष्णानगर थाने में जब्त कर लिया।
गाड़ी नंबरों के साथ किए जा रहे खिलवाड़ का यह एक बड़ा उदाहरण सामने आया है। मसला कृष्णानगर निवासी रंजीत पाल से जुड़ा है। उनकी इंडिगो गाड़ी का नंबर यूपी 32 एफएन 0978 है। यह नंबर जब दूसरी गाड़ी पर नजर आया तो उनके होश उड़ गए। जांच पड़ताल में पता चला कि जिस गाड़ी पर फर्जी नंबर दर्ज किया गया था। उस गाड़ी का असली नंबर यूपी 32 जीएन 5059 है, जो प्राइवेट नंबर है। उक्त शख्स प्राइवेट कार नंबर पर रंजीत पाल की व्यावसायिक गाड़ी की नंबर प्लेट लगाकर चला रहा था।
इस संबंध में जब एआरटीओ प्रवर्तन संजीव गुप्ता से बात की गई तो उनका कहना था कि ऐसा हो ही नहीं सकता। जब बाद में पता चला कि किसी ने फर्जी तरीके से नंबर दर्ज कराया है तो उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत है। यह अपराध की श्रेणी में आता है। इस मामले में पुलिस दोषी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करेगी। उधर, पुलिस का कहना है कि आरोपित के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।