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अनशन के बाद आत्मदाह की चेतावनी, परमहंसदास बाेले- चुनाव से पहले करें मंदिर का निर्माण

परमहंसदास ने उम्मीद जताई कि अगले डेढ़ माह में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 14 Oct 2018 03:30 PM (IST)Updated: Sun, 14 Oct 2018 03:38 PM (IST)
अनशन के बाद आत्मदाह की चेतावनी, परमहंसदास बाेले-  चुनाव से पहले करें मंदिर का निर्माण
अनशन के बाद आत्मदाह की चेतावनी, परमहंसदास बाेले- चुनाव से पहले करें मंदिर का निर्माण

लखनऊ (जेएनएन)। रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए तपस्वीजी की छावनी के महंत परमहंस दास का 12 दिनों से जारी आमरण अनशन जरूर समाप्त हो गया, लेकिन उनकी प्रतिबद्धता में कोई कमी नहीं आई। इस बार महंत परमहंस ने आत्महत्या की चेतावनी दी है।

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महंत ने कहा है कि राष्ट्रभक्त और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के उपासक हैं और उनका असहयोग आंदोलन भी पूरी तरह से मर्यादित, हिंसक, शांतिपूर्ण और देश को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने वाला नहीं होगा। यदि आगामी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पूर्व मंदिर का निर्माण नहीं सुनिश्चित हुआ तो वे आत्मदाह भी करेंगे।

मुख्यमंत्री ने खत्म कराया अनशन 
दरअसल, छावनी के महंत परमहंस दास अपने आश्रम में एक अक्टूबर से अनशन बैठे थे। उनका स्वास्थ्य बिगडऩे के कारण उन्हें आठ अक्टूबर को एसजीपीजीआइ लखनऊ में भती कराया गया था। 12 अक्टूबर की शाम मुख्यमंत्री ने लखनऊ कार्यालय में परमहंस दास की मांग को गरिमामय व न्यायसंगत बताया और उनकी अन्य मांगों के अनुरूप प्रधानमंत्री से वार्ता कराने का वादा करके अनशन समाप्त कराया।

इस दौरान अयोध्या विधानसभा क्षेत्र के विधायक वेदप्रकाश गुप्ता मौजूद रहे। बता दें, गुप्ता ही लखनऊ के पीजीआइ अस्पताल में इलाज करा रहे महंत परमहंस दास को लेकर मुख्यमंत्री के कार्यालय पहुंचे थे। परमहंस दास ने मुख्यमंत्री के रुख का स्वागत किया और दोहराया कि उनका अनशन किसी सरकार के विरोध में नहीं था बल्कि राममंदिर निर्माण को लेकर था। परमहंस दास ने विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के रहते मंदिर निर्माण कठिन नहीं है। 

 अब दी आत्मदाह की चेतावनी
आठ अक्टूबर से पीजीआइ में भर्ती महंत परमहंसदास 13 की  दोपहर 12 बजे स्थानीय विधायक वेदप्रकाश गुप्ता के साथ अपने आश्रम पहुंचे। इस दौरान मीडिया से मुखातिब परमहंसदास ने उम्मीद जताई कि अगले डेढ़ माह में रामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा। यह उम्मीद फलीभूत न होने पर उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए एक दिसंबर से असहयोग आंदोलन शुरू करने का एलान किया।

यह चेतावनी भी दी कि यदि आगामी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने से पूर्व मंदिर का निर्माण नहीं सुनिश्चित हुआ तो वे आत्मदाह भी करेंगे। परमहंसदास ने स्पष्ट किया कि वे राष्ट्रभक्त और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के उपासक हैं और उनका असहयोग आंदोलन भी पूरी तरह से मर्यादित, शांतिपूर्ण और देश को किसी प्रकार की क्षति पहुंचाने वाला नहीं होगा। 

कब-क्या हुआ 

  • एक अक्टूबर से परमहंसदास अनशन पर बैठे ।
  •  आठ अक्टूबर को एसजीपीजीआइ लखनऊ में भती कराया गया था।
  • 12 अक्टूबर की शाम मुख्यमंत्री ने खत्‍म कराया अनशन। 
  • 13 अक्टूबर की  दोपहर 12 बजे स्थानीय विधायक वेदप्रकाश गुप्ता के साथ अपने आश्रम पहुंचे। 

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