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IISF 2018 : माइक्रोस्कोप के बिना दिखे डीएनए, कहानियों से निकले गणित के सूत्र

भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव में गणित, भौतिक और रसायन विज्ञान के जटिल नियमों को सरलता से समझाया। देश भर से जुटे गणित और विज्ञान शिक्षकों का रोचक तरीका रहा खास।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 08 Oct 2018 04:43 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 04:43 PM (IST)
IISF 2018 : माइक्रोस्कोप के बिना दिखे डीएनए, कहानियों से निकले गणित के सूत्र
IISF 2018 : माइक्रोस्कोप के बिना दिखे डीएनए, कहानियों से निकले गणित के सूत्र

लखनऊ (दुर्गा शर्मा)। पहाड़ा रट लिया। गणित के सूत्र याद कर लिए। रासायनिक क्रियाओं और भौतिकी के जटिल नियमों को भी कंठस्थ कर लिया। किताबी ज्ञान और आगे रहने की अंधी दौड़ में सीखने-सिखाने का सिलसिला कहीं पीछे छूट गया। नतीजतन गणित और विज्ञान विद्यार्थियों को डराने लगे। ऐसे में शिक्षकों की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। खासकर गणित और विज्ञान के शिक्षकों को पढ़ाई के तरीकों में प्रयोग करना होगा। शिक्षण के तरीके में रोचकता गणित और विज्ञान की जटिलता को भी सरल कर सकती है। भारतीय अंतरराष्‍ट्रीय विज्ञान महोत्‍सव के चौथे ओर अंतिम दिन मरकरी हॉल में आयोजित साइंस टीचर्स कांग्रेस के दूसरे दिन देश भर से आए विज्ञान शिक्षकों के पढ़ाने का रोचक तरीका खास रहा।

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पढ़ाने के इन तरीकों को अपनाकर विद्यार्थियों को खेल-खेल में विज्ञान समझाया जा सकता है। बोझिल और नीरस अध्यायों को भी रुचिकर बनाया जा सकता है। इस दिशा में की गई शिक्षकों की थोड़ी मेहनत विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य का आधार बन सकती है।

स्माइली से एटॉमिक स्ट्रक्चर

नागपुर की रसायन विज्ञान की शिक्षिका पुष्पलता रवींद्र ने बोतल, इंजेक्शन, गैस और पानी के जरिए जटिल रसायनिक क्रियाओं को दिखाया। गोलाकार में स्माइली को फिट करके एटॉमिक स्ट्रक्चर को रोचक तरीके से समझाया।

माइक्रोस्कोप के बिना डीएनए

थॉमस बैप्टिस्ट जूनियर कॉलेज, मुंबई की वायस प्रिंसिपल डॉ. अरुणा सामंत ने घरेलू उपयोग की चीजों के माध्यम से लिविंग सेल से डीएनए निष्कर्षण के बारे में बताया। इस तरीके से माइक्रोस्कोप के बिना डीएनए को देख सकते हैं। इसमें प्याज के सेल को काटकर पहले पेस्ट बना लेते हैं। फिर इसमें सही मात्र में टेबिल सॉल्ट और बर्तन मांझने का लिक्विड डालते हैं। हल्का गर्म करके छान लेते हैं। फिल्टर करने के बाद फिल्टरेट को चिल्ड एल्कोहल में डालते हैं। थोड़ी देर बाद धागे के रूप में डीएनए ऊपर तैरने लगते हैं।

हैंड्स ऑन लर्निग से गणित आसान

रामानुजन म्यूजियम एंड मैथ्स एजुकेशन सेंटर, चेन्नई की डायरेक्टर मीना सुरेष्ठ ने ‘हैंड्स ऑन लर्निग ऑफ मैथ्स’ का डिमांस्ट्रेशन दिया। स्टिक्स की मदद से पहाड़ा और दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं से क्षेत्रफल आदि के नियम समझाए।

प्रकाशिकी के नियम आए समझ

गर्वमेंट डिग्री कॉलेज, आंध्र प्रदेश के लेक्चरर जे. चंद्रशेखर राव ने भौतिक विज्ञान के प्रकाशिकी (ऑप्टिक्स) के नियमों को बोतल, पानी और लेजर बीम आदि के माध्यम से समझाया।

बड़े काम की नैनो टेक्नोलॉजी

मिठीबाई कॉलेज, मुंबई के प्रो. विष्णु वजे ने नैनो टेक्नोलॉजी को सरलता से समझाया। अणुओं और परमाणुओं पर हर माध्यम टिका है। ऊर्जा का स्त्रोत भी यही हैं। ठोस, द्रव्य और गैस अलग-अलग माध्यमों के जरिए इनकी स्थिति बताई। बोले, चिकित्सा और विज्ञान की बड़ी समस्या का समाधान नैनो तकनीक में है।

खाली बोतल से भौतिकी के नियम

सेंट जॉजेज कॉलेज, आगरा के लेक्चरर डॉ. राकेश अवस्थी ने ‘लो कॉस्ट, नो कॉस्ट’ की थीम पर भौतिक विज्ञान के नियम बताए। खाली बोतल से आयतन नियम और बरनौली प्रमेय को समझाया। स्ट्रा और सिक्कों के माध्यम से न्यूटन के नियम बताए।

कहानियों से निकले गणित के सूत्र

साइंस कॉलेज, गुजरात के प्रिंसिपल डॉ. अजय गौर ने कहानियों के माध्यम से गणित के सूत्र समझाए। बोले, स्क्वायर चौरस ही होता है। चौरस के माध्यम से वर्गमूल के सिद्धांतों को आसानी से समझा सकते हैं।

लैब इन कैरी बैग

महाराष्ट्र से आईं गर्वमेंट स्कूल में रसायन विज्ञान की असिस्टेंट टीचर ज्योति मेडमिलवार ने ‘लैब इन कैरी बैग’ का कांसेप्ट रखा। दैनिक उपयोग की चीजों के जरिए प्रयोगशाला को कक्षा और घर में भी ले जा सकते हैं। इन्होंने हाइड्रोजन और ऑक्सीजन गैस का निर्माण और इन्हें अलग करने के तरीके के साथ रसायन के अन्य जटिल नियमों को सरल किया।


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