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मानसून में ऐसे बढ़ाएं इम्यूनिटी पावर

सेहत का ध्यान रखकर लें बारिश का मजा, मौसम का मजा लें पर संभलकर

By JagranEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 03:05 PM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 03:05 PM (IST)
मानसून में ऐसे बढ़ाएं इम्यूनिटी पावर
मानसून में ऐसे बढ़ाएं इम्यूनिटी पावर

लखनऊ (कुसुम भारती)। बारिश में भीगना भला किसको पसंद नहीं होता। इस मौसम का मजा बच्चे खासतौर से लेते हैं। उनके लिए तो मानसून का मतलब फुल एन्ज्वॉयमेंट होता है। वहीं, इस मौसम में संक्रमण का खतरा भी अधिक रहता है। सेहत के प्रति लापरवाही और इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण अक्सर बच्चों और महिलाओं में इंफेक्शन जल्दी होता है। मानसून दस्तक दे चुका है। तो, क्यों न कुछ सावधानिया बरतते हुए इस मौसम का मजा लिया जाए। तपती गर्मी के बाद सुकून पहुंचाने वाला मानसून हर किसी के चेहरे पर खुशी लेकर आता है। इस मौसम में खाने-पीने के शौकीन चटखारे लेने को तैयार रहते हैं। गर्मागर्म पकौड़े और समोसे का स्वाद चाय की चुस्कियों के साथ दोगुना हो जाता है। कोई स्ट्रीट फूड का मजा लेता है तो कोई भीगते हुए गर्मागर्म भुट्टे का। वहीं, इस मौसम में खानपान, इंफेक्शन, सौंदर्य संबंधी समस्याओं के अलावा संक्रमित बीमारियों का खतरा भी इस मौसम में खूब होता है। एक्सपर्ट भी मानते हैं कि प्रकृति ने वरदान स्वरूप कुछ ऐसे मसाले और खाद्य पदार्थ दिए हैं जो हमारे इम्यून सिस्टम को स्ट्राग करने के साथ ही सेहत को भी दुरुस्त रखते हैं। इसके अलावा खानपान में थोड़े से बदलाव करके भी परिवार की सेहत का ख्याल रखा जा सकता है। इस बार मानसून को कैसे करें खुलकर एन्ज्वॉय? आइए जानते हैं कुछ एक्सपर्ट और महिलाओं की राय.. इम्यून सिस्टम को करें स्ट्राग

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डॉ. राममनोहर लोहिया हॉस्पिटल में फिजीशियन रितु करोली कहती हैं, बारिश में वायरल इंफेक्शन होने का खतरा तो हर किसी को रहता है। खासतौर से बच्चों और महिलाओं को क्योंकि ये सेहत के प्रति उतने सजग नहीं होते। इसलिए इस मौसम में प्रिवेंशन बेहद जरूरी है। बरसात में तीन प्रकार के रोग होने का खतरा ज्यादा होता है। श्वसन संबंधी रोगों में इंफ्लुएंजा, निमोनिया, जल जनित और दूषित खाद्य पदाथरें से उत्पन्न होने वाले रोगों में गैस्ट्रोइंट्राइटिस (आत्रशोथ), वायरल हेपेटाइटिस, टायफाइड और मच्छर जनित रोगों में मलेरिया, फाइलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया, जापानी इंसेफ्लाइटिस आदि हैं। इम्यूनिटी पावर को स्ट्राग करने के लिए इस मौसम में सिट्रस फ्रूट, सीजनल वेजिटेबल, संतुलित भोजन का सेवन करें। पानी खूब पीएं क्योंकि इस मौसम में पसीना निकलने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। इनका रखें ध्यान

- बॉडी को हाइड्रेट रखें।

- विटामिन सी, ए, डी और बी कॉम्प्लेक्स बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। शरीर में इनकी कमी नहीं होने देना चाहिए।

- डेयरी प्रोडक्ट, विटामिन युक्त खाद्य पदाथरें के सेवन से इम्यून सिस्टम स्ट्राग होता है।

- हरी पत्तेदार सब्जियों को अच्छी तरह साफ करके ही इस्तेमाल करें।

- दूषित या बासी भोजन, स्ट्रीट फूड का सेवन न करें।

- बारिश के दौरान कूलर का इस्तेमाल बंद कर दें या फिर कूलर का पानी बदलते रहें।

- घर के किसी भी कोने में पानी जमा न होने दें। मनी प्लाट वगैरह का पानी बदलते रहें। किचन में छिपे हैं रोग भगाने के नुस्खे

द नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद, जयपुर में मेडिसिन डिपार्टमेंट में आयुर्वेद चिकित्सक, डॉ. हरीश भाकुनी कहते हैं, भारत में छह ऋतुओं का कासेप्ट है। इसी तरह हर मौसम में अलग तरह के रोग भी होते हैं। वर्षा ऋतु में वात विकार रोग होते हैं। आमतौर पर इसमें कब्ज, ज्वाइंट पेन, त्वचा संबंधी रोग देखने को मिलते हैं। इस मौसम में ज्यादातर आ‌र्द्रता (नमी) बनी रहती है इसलिए शरीर तेल या मॉयश्चराइजर की जगह पाउडर का इस्तेमाल करना चाहिए। बॉडी को सूखा रखना चाहिए। बच्चे यदि पार्क में खेलने जाते हैं तो उनके कपड़ों पर नीम का तेल, तारपीन या यूकेलिप्टस का तेल छिड़क देना चाहिए। ये ऑयल रेप्लेंट की तरह काम करते हैं और मच्छरों से बचाते हैं। इस मौसम में पाचन क्रिया धीमी हो जाती है इसलिए रात को हैवी डाइट से बचना चाहिए। इस मौसम में दही का सेवन नहीं करना चाहिए। इनका करें इस्तेमाल

- जूस या दूध में थोड़ा सा शहद मिलाकर पीएं। शिकंजी में भी चीनी की जगह शहद मिलाएं।

- गुनगुने पानी का सेवन करें।

- शहद के साथ तुलसी के पत्तों का रस का सेवन करने से इम्यून सिस्टम स्ट्राग होता है। इस मौसम में यह बच्चे और बड़े सबके लिए फायदेमंद है।

- ज्यादा से ज्यादा लिक्विड डाइट को प्रिफर करें।

- सलाद को काटकर ज्यादा देर न रखें क्योंकि नमी के चलते इसमें बैक्टीरिया जल्दी पनपते हैं। जिससे रूटीन डिसीज का खतरा रहता है।

- दूध में एक चुटकी हल्दी डालकर पीने से गठिया, ऑस्टियोपोरेसिस के मरीजों को फायदा मिलता है।

- अपच या कब्ज की शिकायत होने पर आधा कप गर्म पानी में आधा टी स्पून सौंफ और एक चौथाई चम्मच अजवाइन मिलाकर पीएं। छोटे बच्चों को एक या दो चम्मच दें।

- दो-चार काली मिर्च को भूनकर उसे पीस लें, इसमें एक चुटकी सेंधा नमक और थोड़ा सा शहद मिलाकर चाटने से कफ-कोल्ड में फायदा मिलता है।

- चाय बनाते समय इसमें तुलसी पत्ती, सोंठ, इलायची मिलाएं।

- इस मौसम में खाने में हींग, लहसुन, हल्दी आदि का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग करें।

- सीजनल फ्रूट और वेजिटेबल खाएं पर पत्तेदार सब्जियों के सेवन से बचें।

- प्रॉपर हाइड्रेट रहने और हेल्दी डाइट लेने से त्वचा चमकदार और स्वस्थ रहती है। स्किन का रखें खास ख्याल

ब्यूटीशियन अनीता मिश्रा कहती हैं, इस मौसम में त्वचा ही नहीं बालों का भी खास ख्याल रखना चाहिए। चिपचिपा मौसम होने के कारण अक्सर मेकअप खराब होने का डर रहता है। इसलिए इस मौसम में वाटर फ्रूट मेकअप प्रोडक्ट का इस्तेमाल करना चाहिए। मेकअप से पहले ठंडे पानी से चेहरा धोएं

मेकअप से पहले ठंडे पानी से चेहरा साफ करना चाहिए या फिर ठंडे पानी में तौलिया भिगोकर उससे चेहरे को डैब करना चाहिए। इसके बाद कोई मेकअप प्राइमर या मेकअप क्त्रीम लगाएं। पार्टी में जाना हो तो प्राइमर के बाद वाटर प्रूफ लिक्विड फॉर्म में फाउंडेशन या मेकअप बेस लगाएं। इसके बाद कॉम्पैक्ट का ब्रश हल्का सा घुमाकर लगाएं। इसके बाद लाइनर, मस्कारा और लिपस्टिक लगाएं। वाटर बेस्ड कॉस्मेटिक्स प्रोडक्ट का इस्तेमाल

इस मौसम में वाटर बेस्ड ब्यूटी प्रोडक्ट का ही इस्तेमाल करना चाहिए। वाटर प्रूफ मस्कारा, लाइनर लगाने से बारिश में या पसीना आने पर ये फैलता नहीं है। जरूरी न हो तो काजल से काम चलाएं। हल्का सा ब्लश ऑन करें। नॉनट्रासफर लिपस्टिक का प्रयोग करें। लिपस्टिक में मैट कलर लें। आजकल कंपनियों ने नाइन टू फाइव सीरीज में पूरी की पूरी मेकअप रेंज बाजार में उतारी हैं। जो एक बार लगाने के बाद पूरा दिन चलता है। बीबी या सीसी क्रीम बढ़ाएगी खूबसूरती

वर्किंग लेडीज डेली रूटीन में बीबी या सीसी क्रीम का इस्तेमाल कर सकती हैं। इसको लगाने के बाद आपको मेकअप की जरूरत नहीं पड़ेगी साथ ही इसमें सनस्क्त्रीन और मॉयश्चराइजर शामिल होता है। इसको लगाने से आपकी खूबसूरती तो बढ़ेगी साथ ही चेहरे के दाग-धब्बे भी छिप जाते हैं।

बैग में रखें एंटी-फंगल क्रीम

बरसात के मौसम में पानी, कीचड़ आदि के संपर्क में आने से एथलीट फुट, रिंगवर्म या त्वचा में खुजली की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे में अपनी त्वचा को लंबे समय तक भीगे रहने से बचाएं। हल्के गुनगुने पानी से स्नान करें। फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए एंटी-फंगल क्त्रीम लगाएं। नहाने के बाद बॉडी को ठीक से सुखाएं। पैरों की अंगुलियों के बीच के हिस्से को और अंडरआ‌र्म्स को तौलिये से अच्छी तरह पोंछकर सुखाएं। इंफेक्शन से बचने के लिए अंडरआ‌र्म्स और पैर की अंगुलियों के बीच एंटी-फंगल पाउडर का इस्तेमाल करें। अगर आप वर्किंग हैं तो एंटी फंगल क्रीम अपने बैग में जरूर रखें।

टोनर से करें पीएच लेवल बैलेंस

इस मौसम में चेहरे को मेडिकेटेड फेसवॉश से दिन में 2-3 बार धोएं ताकि त्वचा के रोमछिद्रों में जमी धूल और तेल साफ हो सके। नॉन-अल्कोहलिक टोनर का इस्तेमाल करें। इससे आपकी त्वचा का पीएच लेवल बैलेंस रहेगा। त्वचा को मुलायम रखने के लिए वाटर बेस्ड मॉयश्चराइजर या गुलाब जल का इस्तेमाल करें। स्पाइसी फूड से करें परहेज

डाइटीशियन ऐश्वर्या सिंह कहती हैं, यदि इस मौसम में भूख न लगी हो तो जबरदस्ती भोजन करने से बचें। ये भी स्वस्थ रहने का एक मंत्र है। इस मौसम में कच्ची सलाद खाने के बजाए उबली सब्जियों का सेवन करें। वहीं, तले-भुने और मसालेदार भोजन का इस्तेमाल न करें। मसालेदार भोजन से शरीर में खुजली पैदा होती है इसलिए स्किन एलर्जी वाले लोग ऐसे भोजन से परहेज करें।

- इस मौसम में भी संतुलित रूप में ड्राई फ्रूट का सेवन किया जा सकता है।

- ग्रीन टी और हर्बल टी का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें।

- अदरक, काली मिर्च, पुदीना, शहद, लहसुन आदि को अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

- सीजनल फ्रूट, दूध और दूध से बने खाद्य पदाथरें का सेवन करें।

- उबला व शुद्ध पानी का सेवन करें क्योंकि इस मौसम में दूषित पानी पीने से इंफेक्शन होने का खतरा ज्यादा रहता है।

- चाय-कॉफी का सेवन कम करें क्योंकि ये बॉडी को डिहाड्रेट करते हैं।

- इमली, टमाटर, नींबू का सेवन भी कम से कम करें। महिलाओं के व्यूज

प्रकृति ने जो दिया है उसे अपनाएं

एमिटी यूनिवर्सिटी में फाइन आ‌र्ट्स डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर, डॉ. तूलिका साहू कहती हैं, मानसून आने पर मैं परिवार के खानपान में बदलाव करती हूं। मेरे पापा कहते थे कि प्रकृति ने हर मौसम के अनुसार हमें चीजें उपलब्ध कराई हैं जो सबके लिए वरदान हैं। प्रकृति के विरुद्ध जाकर कुछ भी नहीं करना चाहिए। इसलिए हर मौसम में पैदा होने वाले फल, सब्जिया और अनाज को जरूर खाना चाहिए। हा, बेमौसम उत्पन्न होने वाले चीजों से परहेज करना चाहिए। मेरी दो बेटिया हैं उनको इस मौसम में मूंग को स्प्राउट करने के बाद उसे पीसती हूं फिर उसमें अदरक, लहसुन मिलाकर उसका चीला बनाकर देती हूं। मैंगो शेक देती हूं। सवेरे की पहली चाय अदरक, इलायची वाली होती है। इस मौसम में अदरक भी खूब पैदा होती है इसलिए अदरक का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करती हूं।

परिवार को देती हूं ताजा और गर्म भोजन

गृहिणी ममता मेहरोत्रा कहती हैं, इस मौसम में बासी भोजन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। हमेशा ताजा और गर्म भोजन ही खाना चाहिए। हालाकि, सर्दियों में यह बात लागू नहीं होती फिर भी हमेशा फ्रेश फूड को ही तरजीह देती हूं। पालक, मेथी, पत्तागोभी आदि को अच्छी तरह गर्म पानी से साफ करके इस्तेमाल करती हूं। अनाज में पारे की टिकिया डालकर रखती हूं ताकि कीड़े न लगें। भोजन में लहसुन, प्याज, अदरक, गर्म मसालों का इस्तेमाल करती हूं। मसालों में छिपे हैं बहुत से गुण

डॉ. राममनोहर लोहिया हॉस्पिटल में आयुर्वेद चिकित्सक, डॉ. एस.के. पाडे्य कहते हैं, प्रकृति ने वरदान के रूप में हमें बहुत सी चीजें दी हैं जिनमें मसाले भी शामिल हैं। इस मौसम में सर्दी, जुकाम, खासी, ज्वर आदि कॉमन होता है क्योंकि वायु एवं कफ कुपित हो जाते हैं। जब पित्त का समावेश हो जाता है तो सूखी खासी आने लगती है। ऐसे में, किचन में मौजूद कई ऐसे मसाले हैं जो काफी गुणकारी हैं। हल्के-फुल्के रोगों को दूर करने में ये मसाले बेहद कारगर सिद्ध होते हैं।

ये हैं कुछ गुणकारी मसाले

हल्दी - गले की खराश को ठीक करती है। साथ ही ज्वर, दर्द का शमन करती है। एंटी वायरल इम्यून सिस्टम बूस्टर है। कफ शामक है।

सोंठ - वायु एवं कफ शामक है। ज्वर, दर्द ठीक करने के साथ ही आम पाचक भी है।

लौंग - वायु एवं कफ शामक है। खासी और गले में इंफेक्शन होने पर इसके जल से गार्गल किया जाता है। सूजन दूर करने और दर्द निवारक गुणों से भरपूर है।

काली मिर्च - वायु कफ शामक है। दर्द हरती है।

जावित्री-दालचीनी - ये मसाले भी कफ और वात को शात करते हैं। मानसून में भी एक्सरसाइज जरूरी

फिटनेस ट्रेनर, मोहित सिंह कहते हैं, आजकल तो फिटनेस जिम में भी एक सेशन योग का होता है। मैं पावर योग की ट्रेनिंग देता हूं। आज हर कोई फिट रहना चाहता है लेकिन मानसून में बारिश के चलते एक्सरसाइज करने में रुकावट आने लगती है। इस कारण शरीर फिट नहीं रहता और बॉडी शेप बिगडऩे लगता है। मगर घर में कुछ एक्सरसाइज करके स्वस्थ रह सकते हैं।

- घर पर सूर्य नमस्कार, प्राणायाम क्त्रिया कर सकते हैं।

- सूर्य नमस्कार वजन को कंट्रोल में रखता है और प्राणायाम रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।

- इस मौसम में एसिडिटी ज्यादा होती है। कुंजल क्रिया करने से विषैले तत्व बाहर निकलते हैं।

- यदि आप जिम जाते हैं तो बारिश में अपने जिम के शेड्यूल को चेंज न करें। आप घर में सीढिय़ों का बेहतर इस्तेमाल एक्सरसाइज के लिए कर सकते हैं। इसके लिए कम से कम चार बार अपने घर की सीढिय़ा चढ़ें और उतरें।

- बारिश के दौरान घर की साफ-सफाई, पोछा लगाने जैसे काम खुद करें। यह भी एक्सरसाइज का एक बेहतरीन तरीका है।

- बॉडी वेट एक्सरसाइज जैसे पुश अप्स, स्क्वाट जैसे व्यायाम आपकी मासपेशियों के लिए काफी फायदेमंद हैं।

- घर पर रहते हुए हल्की फुल्की एक्सरसाइज की जा सकती है।

- इस मौसम में जौ, चावल और गेहूं से तैयार किए गए हल्के और ताजा भोजन का उपयोग करना चाहिए।

- अपनी डेली डाइट में गाय का घी, दाल, चावल और गेहूं जैसे अनाजों को शामिल करें।

- अगर आपका पेट गड़बड़ रहता है तो अपने खाने में अदरक का एक छोटा-सा टुकड़ा जरूर डालें।

- अगर आप सूप पीने के शौकीन हैं तो विटामिन सी युक्त सब्जियों का उपयोग करें।

- मानसून में सास संबंधी रोग अधिक होने लगते हैं। ऐसे में योग आपके काफी काम आ सकता है।

- ऐसे खाद्य पदार्थ, जिन्हें पचाने में अधिक समय लगता है, जैसे रेड मीट आदि को इस मौसम में लेने से बचना चाहिए।


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