अतिक्रमण पर गाज बन कर गिरे एलडीए और रेलवे
गोमती नगर विस्तार में रेलवे की भूमि पर 35 दुकानें और अवैध बस्ती ध्वस्त, मलेशेमऊ गांव में प्राधिकरण ने पांच हजार वर्ग मीटर भूमि करवाई खाली
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। गोमती नगर विस्तार में रेलवे और एलडीए के दस्ते शुक्रवार को रसूखदारों के अतिक्रमण पर गाज बन कर गिरे। रेलवे की जमीन पर काग्रेस के एक विधायक के नाम पर किए गए कब्जे को रेलवे की टीम ने ध्वस्त कर दिया। यहां टीनशेड लगा कर बनाई गई, 35 दुकानों को कबाड़ में तब्दील कर दिया गया।
इसके अलावा झुग्गी-झोपड़ी बस्ती भी ढहा दी गई। इसके बाद एलडीए का अभियान नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्र के नेतृत्व में चलवाया गया। इसमें करीब पांच हजार वर्ग मीटर जमीन खाली करवाई गई। यहां मलेशेमऊ में खसरा संख्या 409 को लेकर विवाद हो गया। यहां मार्बल प्रतिष्ठान को हटाने का प्राधिकरण ने अल्टीमेटम दिया कहा कि ये हमारी जमीन है। इस भूमि पर गोंडा से विधायक रहे पूर्व मंत्री पंडित सिंह का दावा है। उन्होंने इस पर मानचित्र एलडीए से पास करवाया है। प्राधिकरण अब इस पूरे प्रकरण की जांच करवाएगा।
रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर गोमती नगर विस्तार में आम जनता विरोध कर रही थी। इस पूरे मामले में गोमती नगर विस्तार महासंघ ने रेलवे और एलडीए के उच्च अधिकारियों से शिकायत की थी। आरोप है कि काग्रेस विधायक दुकान हटवाने को तैयार नहीं थे। इसके बावजूद सख्ती से ये अभियान चलाया गया। दुकानों को हटाने के लिए शुक्रवार की सुबह नौ बजे तक का समय दिया गया था। समय बीतने के बाद बड़ी संख्या में रेलवे के अधिकारी और पुलिस बल दुकानों को तोड़ने मौके पर पहुंचे। साथ में एलडीए का भी दस्ता शामिल रहा। दो जेसीबी और बड़ी संख्या रेलवे फोर्स बल की मौजूदगी में अतिक्रमण को तोड़ दिया गया। 35 अस्थाई दुकानें और झुग्गी झोपड़ी बस्ती ढहा दी गई। महासंघ से सचिव उमाशंकर दुबे ने कहा की शिकायत के मात्र एक सप्ताह के अंदर जिस प्रकार अभियान चलाकर रेलवे और एलडीए ने अतिक्रमण हटवाया यह सराहनीय कदम है। पुल के नीचे सरकारी भूमि पर बढ़ाई कोठी
कांग्रेस विधायक पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी भूमि पर बंगला बढ़ा लिया है। सेतु निगम द्वारा अर्जित विस्तार के पुल के नीचे तक बंगला बनाया गया है। इसको हटाने के लिए सेतु निगम को प्रयास करना होगा।
विस्तार में एलडीए ने करोड़ों की भूमि छुड़ाई, दर्जनों को दी अंतिम चेतावनी
नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्र के नेतृत्व में प्राधिकरण ने गांव मलेशेमऊ में करीब पांच हजार वर्ग फीट भूमि खाली करवाई। एक धर्मस्थल को छोड़ कर उसके आसपास चहारदीवारी ध्वस्त कर दी गई। शहीद पथ की सर्विस लेन में एलडीए के प्लाटों पर लकड़ी के कारोबारियों को भी हटाया गया। यहां करीब एक दर्जन अवैध कब्जेदारों को नोटिस दिया गया है कि वे एक सप्ताह में या तो मालिकाना हक के पर्याप्त सुबूत दें वरना कब्जा छोड़ दें। खसरा संख्या 409 पर पंडित सिंह का दावा, नक्शा पास बताया
मलेशेमऊ गांव में खसरा नंबर 409 को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्राधिकरण इस भूमि को अपना बता रहा है। जबकि यहां पर मार्बल स्टोर है। ये स्टोर करीब 30 हजार वर्ग फीट भूमि पर है। यहां प्रबंधक गौरव ने बताया कि उन्होंने ये भूमि पूर्व मंत्री पंडित सिंह से किराये पर ली है। एलडीए के इस दावे पर पंडित सिंह की ओर से प्राधिकरण से ही पास नक्शा प्रस्तुत कर दिया गया है। इससे पंडित सिंह की जमीन का दावा और पुख्ता हो गया है। एलडीए के नजूल अधिकारी विश्वभूषण मिश्र का कहना है कि ये जांच का विषय है। जमीन पर नक्शा पास होने से हमको अब पता करना होगा कि आखिर हमसे कहां गलती हो रही है। हमारे हिसाब से इस खसरा संख्या पर ज्यादातर जमीन एलडीए की ही है।