सर्वाधिक बाल विवाह दर वाले क्षेत्रों में यूपी के 16 जिले शामिल, श्रावस्ती दूसरे नंबर पर
यूनिसेफ ने पिछड़े देशों के साथ किया उप्र के जिलों का तुलनात्मक अध्ययन।
लखनऊ, [भाष्कर सिंह]। बाल विवाह जैसी कुप्रथा शिक्षित व विकसित समाज की राह में एक बड़ी बाधा है। जो कि भारत जैसी बड़ी अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा व विस्तृत मुद्दा है। लेकिन सरकार के प्रयासों व साक्षरता व जागरुकता अभियानों के बावजूद ये कुप्रथा अब तक न सिर्फ जारी है, बल्कि इसकी दर काफी चिंताजनक स्थिति में है। वहीं, विश्व में अति पिछड़े देशों की सूची में आने वाले देशों को इस कुप्रथा के मामले में उप्र के जिले न सिर्फ चुनौती दे रहे हैं बल्कि आगे भी निकल रहे हैं।
गत दिनों यूनिसेफ ने पिछड़े देशों मसलन सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, मलावी, मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे, नाइजीरिया, यमन, जाम्बिया, होंडुरास, सेनेगल, कैमरून, मेडागास्कर, लाइबेरिया व उप्र के 16 जिलों में बाल विवाह दर का तुलनात्मक अध्ययन किया। इसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए, उप्र का श्रावस्ती जिला इस सूची में दूसरे स्थान पर काबिज है। केवल नाइजर देश ही इस जिले से आगे निकल सका है। साथ ही इस सूची के शीर्ष दस में ललितपुर जिला भी है। साथ ही अन्य जिले भी रेड जोन में हैं। गौरतलब है कि भारत में प्रतिवर्ष 15 लाख बाल विवाह होते हैं।
श्रावस्ती में 69 फीसद बाल विवाह
यूनिसेफ की सूची में नाइजर पहले स्थान पर है तो श्रावस्ती दूसरे। श्रावस्ती में 69 फीसद बच्चियों की शादी बाल विवाह जैसी कुप्रथा की शिकार होती है। वहीं, इस सूची के टॉप-10 में उप्र का ललितपुर भी 49 प्रतिशत के साथ शामिल है। तो टॉप-50 में गोंडा 11वें, महाराजगंज 12वें, सिद्धार्थनगर 14वें, बलरामपुर 17वें और बहराइच 19वें स्थान पर हैं। इन जिलों को रेड जोन में रखा गया है। यूनिसेफ के चाइल्ड डेवलपमेंट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर (यूपी) भाई शैली बताते हैं कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा का समाप्त न हो पाना शिक्षा, विकास व सरकारी योजनाओं पर सवालिया निशान उठाता है।
दंडनीय अपराध है बाल विवाह
बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006 के तहत बाल विवाह दंडनीय अपराध है। इसमें 18 वर्ष से कम आयु की बच्चियों का विवाह करने पर दो साल की जेल और एक लाख रुपये का जुर्माने का प्रावधान है। ऐसे विवाह में हिस्सा लेने वाले लोगों पर भी कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है।
बाल विवाह के मामले में कौन सा जिला किस देश के बराबर
जिला (उप्र)- बाल विवाह दर - समान दर वाला देश
- श्रावस्ती -69 फीसद- सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक
- बलरामपुर- 42 प्रतिशत- मलावी
- बहराइच- 41 प्रतिशत -मैडागास्कर
- गोंडा -49 प्रतिशत- मोजाम्बिक
- ललितपुर -49 प्रतिशत-मोजाम्बिक
- महाराजगंज-48 प्रतिशत- मोजाम्बिक
- सिद्धार्थनगर- 44 प्रतिशत-नाइजीरिया
- बदायूं- 36 प्रतिशत- लाइबेरिया
- खीरी- 34 प्रतिशत-सूडान
- चंदौली- 34 प्रतिशत- होंडुरास
- सीतापुर- 33 प्रतिशत-जिम्बाब्वे
- सोनभद्र- 33 प्रतिशत- जिम्बाब्वे
- संतकबीर नगर- 32 प्रतिशत यमन
- कुशीनगर- 31 प्रतिशत- जाम्बिया
- मिर्जापुर- 31 प्रतिशत - सेनेगल
- चित्रकूट- 31 प्रतिशत- कैमरुन
दक्षिण एशियाई देशों की हालत खराब
भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान, श्रीलंका, अफगानिस्तान और मालदीव से बनने वाले दक्षिण एशियाई देश साझा विरासत वाले देश हैं, ऐसे में बाल विवाह का कलंक भी सभी देशों पर है। हालांकि मालदीव की स्थिति कुछ हद तक सही है, जहां बाल विवाह की दर चार फीसद है। वहीं, ये पाकिस्तान में 21 फीसद, नेपाल में 40 फीसद, बांग्लादेश में 59 फीसद, भूटान में 26 फीसद, श्रीलंका में 12 फीसद और अफगानिस्तान में 35 फीसद है।