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योगी सरकार को 15वें वित्त आयोग की नसीहत, एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए विकास दर दोगुनी करें

15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने कहा कि विकास दर बढ़ने से उप्र पर कर्ज का बोझ कम होगा और उसकी कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 22 Oct 2019 09:01 PM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 08:19 AM (IST)
योगी सरकार को 15वें वित्त आयोग की नसीहत, एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए विकास दर दोगुनी करें
योगी सरकार को 15वें वित्त आयोग की नसीहत, एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लिए विकास दर दोगुनी करें

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश को चुनौतियों से उबारने के लिए मदद का संकेत देने के साथ 15वें वित्त आयोग ने एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए राज्य सरकार को नसीहतें भी दीं। उप्र की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का आकार देने के लिए उन्होंने राज्य की आर्थिक विकास दर को दोगुना करने का सुझाव दिया। वहीं बढ़ते कर्ज के बोझ से राज्य सरकार को आगाह करते हुए इस मोर्चे पर संभल कर कदम बढ़ाने का मशविरा दिया। प्रदेश के ऋण-जीडीपी अनुपात में कमी लाने और उसे 25 प्रतिशत के दायरे में सीमित रखने की वकालत की।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ बैठक के बाद आयोग के अध्यक्ष एनके सिंह ने मीडिया से कहा कि प्रधानमंत्री का अगले पांच साल में भारतीय अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर का आकार देने का लक्ष्य इस अवधि में उप्र को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाये बिना पूरा नहीं हो सकता है। वजह यह है कि उप्र में देश की 17 फीसद आबादी बसती है। उन्होंने कहा कि उप्र में जनसंख्या घनत्व 829 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है, जबकि राष्ट्रीय औसत 382 है। उप्र की 29.43 प्रतिशत आबादी गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करती है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 21.92 प्रतिशत है। उप्र के लिए यह बड़ी चुनौतियां हैं, लेकिन हाल के वर्षों में उप्र की विकास दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा रही है। एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करने के लिए उप्र को अपनी विकास दर बढ़ाकर दोगुना करने की जरूरत है। विकास दर बढ़ने से उप्र पर कर्ज का बोझ कम होगा और उसकी कार्यकुशलता भी बढ़ेगी।

कृषि क्षेत्र में सुधार का रोडमैप जल्द

अध्यक्ष ने बताया कि कृषि सुधारों पर भी आयोग का फोकस है। एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी एक्ट में सुधार, दीर्घकालीन कांट्रैक्ट फार्मिंग का क्रियान्वयन, कृषि सेक्टर पर नियंत्रण से संबंधित अड़चनें दूर करने और कृषि सेक्टर के ढांचे को तर्कसंगत बनाने पर आयोग का जोर है। आयोग के सदस्य डॉ.रमेश चंद ने बताया कि कृषि क्षेत्र में सुधार, किसानों की आमदनी व खेती की उत्पादकता बढ़ाने के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस की अध्यक्षता में प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों की एक समिति गठित की है, जिसके सदस्य उप्र के सीएम योगी आदित्यनाथ भी हैं। इस समिति ने कृषि सुधारों का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है जिस पर राज्यों के सुझाव 25 अक्टूबर तक मिल जाएंगे। इसके बाद अगले 15 दिनों में कृषि सुधारों का रोडमैप तैयार कर समिति उसे राज्यों को भेज देगी।

पर्यटन क्षेत्र में अपार संभावनाएं

एनके सिंह ने कहा कि पर्यटन के क्षेत्र में उप्र में अपार संभावनाएं हैं। प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के सुंदरीकरण और जिले में सफाई के काम में हुआ सुधार सराहनीय है। उप्र में कई पर्यटन स्थल हैं जिन्हें विकसित कर रोजगार भी पैदा किये जा सकते हैं।


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