10th Jagran Film Festival: कादर खान को याद करते हुए फिल्म फेस्टिवल का समापन Lucknow News
फिल्म फेस्टिवल के तीसरे दिन हिंदी बांग्ला मलयालम भाषाओं की फिल्में दिखाई गई।
लखनऊ [जुनैद अहमद]। कादर खान की मौजूदगी ही फिल्म के प्रति दर्शकों में उत्साह जगाने को काफी होती थी। आज भी पर्दे पर उनको देखने का अलग ही मजा होता है। वह भले ही इस दुनिया से चले गए हों, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार लोगों के जेहन में हमेशा ताजा रहेंगे। इस बेमिसाल अभिनेता को दसवें जागरण फिल्म फेस्टिवल में याद किया गया। रविवार को फेस्टिवल के तीसरे और अंतिम दिनकी शुरुआत कादर खान की फिल्म 'कुली नंबर वन से हुई। जिसमें दर्शकों ने होशियार चंद के रूप में कादर खान के अभिनय का मजा लिया।
फिल्म 'कुली नंबर वन वर्ष 1995 में आई थी। रजनीगंधा के सहयोग से आयोजित फिल्म फेस्टिवल में दर्शकों ने इस फिल्म का आनंद उठाया। कादर खान बॉलीवुड के गिने चुने हरफनमौला कलाकारों में शामिल थे, उन्होंने फिल्म लेखन के साथ ही अभिनय की सभी विधाओं में हाथ आजमाया। वो चाहे क्रूर खलनायक की भूमिका रही हो या लोगों को हंसाने का किरदार, ट्रेजडी में भी उनका कोई सानी नहीं था, उन्होंने निर्देशन भी किया। अपने दमदार अभिनय से उन्होंने लोगों के दिलों में खास जगह बनाई थी।
इस तिकड़ी ने खूब धमाल मचाया
अभिनय कॅरियर के आखिरी पड़ाव में कादर खान ने गोविंदा और शक्ति कपूर के साथ कई कमाल की फिल्में की। फिल्म मेकर इस तिकड़ी को सफलता की गारंटी मानते थे, इन तीनों में साथ दर्जनों फिल्में की। बॉलीवुड में एक समय तीनों कॉमेडी के किंग कहलाते थे। तीनों ने एक साथ कुली नंबर वन, राजा बाबू, मैं खिलाड़ी तू अनाड़ी, बोल राधा बोल, अंखियों से गोली मारे, साजन चले ससुराल, आंखें, जैसी करनी वैसी भरनी, हिम्मतवाला जैसी कई फिल्मों में का किया।
वर्ष 2018 के आखिरी दिन ली अंतिम सांस
साल 2019 का पहला दिन बॉलीवुड इंडस्ट्री समेत कादर खान के तमाम प्रशंसकों के लिए दुखद रहा। कनाडा में रह रहे कादर खान का निधन 31 दिसंबर की रात को हुआ था। उससे साल के पहले दिन बॉलीवुड में शोक की लहर दौड़ गई थी। कादर खान का जन्म 11 दिसंबर को काबुल में हुआ था, उन्होंने अभिनेता के रूप में पहली फिल्म दाग राजेश खन्ना के साथ की थी। ऐसा कहा जाता है कि राजेश खन्ना ने ही उन्हें लांच किया था।
कई फिल्मों के संवाद लिखे
कादर खान ने अभिनय के साथ लेखन में भी अपनी प्रतिभा दिखाई। उन्होंने कई फिल्मों के संवाद भी लिखे। कादर खान फिल्मों में ङ्क्षहदी और उर्दू के उच्चारण को लेकर काफी चिंतित रहते थे। वह कई बार अपने सह अभिनेताओं को सही उच्चारण के लिए टोकते और सलाह भी देते थे।
कई बार वायरल हुई थी कादर खान के निधन की खबर
कादर खान के निधन से पहले कई बार उनके निधन की झूठी खबरें खूब वायरल हुई थी। अपने जीवन के अंतिम सालों में कादर खान बहुत बीमार रहते थे। ऐसे में सोशल साइट और कुछ पोर्टल पर कादर खान के निधन की फेक न्यूज वायरल हुई। कई बार उनके बेटे सरफराज खान को ट्वीट करके अपने पिता की सलामती की खबर देनी पड़ी।
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