लापरवाही उजागर: यूपी में खुले हैं 1057 ब्लैक स्पॉट
साल 2017 में 1273 ब्लैक स्पॉट किए गए थे चिंहित, सिर्फ 216 सुधारे गए। बैठक में मुख्यमंत्री ने जताई नाराजगी 15 दिनों में होगा सुधारना।
लखनऊ[अजय श्रीवास्तव]। हर दिन यह खबर आती है कि फिर एक और सड़क दुर्घटना और इतने की मौत। दरअसल उप्र की सड़कों पर दुर्घटना का कारण बने 1057 ब्लैक स्पॉट्स को बंद करने में अफसर लापरवाह साबित हुए हैं। दस महीने पहले जारी निर्देश के बाद जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 28 अप्रैल को सड़क सुरक्षा के इंतजाम को लेकर बैठक की तो अफसरों की लापरवाही उजागर हुई। पता चला कि सड़क दुघर्टना का कारण बने ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने में सड़क निर्माण से जुड़ी एजेंसिया नाकाम साबित हुईं। मुख्यमंत्री की नाराजगी इस कदर झलकी कि अब 15 दिन में 1057 ब्लैक स्पॉट्स को दूर करने का लक्ष्य रखा गया है। साल 2017 में उत्तर प्रदेश में 1273 ब्लैक स्पॉट्स चिंहित किए गए थे, लेकिन इस अवधि में 216 को ही सुधारा गया। 10 महीने पहले भी हुई थी बैठक
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली उत्तर प्रदेश राज्य सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक 28 जून 2017 को हुई थी। उसमें कई विभागों को सड़क सुरक्षा से जुड़े इंतजाम करने को कहे गए थे। बैठक में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की तरफ से जारी निर्देश के तहत लोकनिर्माण विभाग, एनएचएआइ, यमुना एक्सप्रेस-वे, विकास प्राधिकरण, यूपी औद्योगिकी एक्सप्रेस-वे डेवलेपमेंट अथॉरिटी, आवास विकास परिषद और नगर निगम की तरफ से उत्तर प्रदेश में 1273 ब्लैक स्पॉट्स होने की रिपोर्ट दी गई थी। इस पर ये ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के निर्देश दिए गए थे।
अब ये करना होगा
- स्कूल, अस्पताल और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर बनाई जाएगी जेब्रा लाइन।
- स्कूल, अस्पताल ग्राम, बाजार, भीड़भाड़ वाले स्थानों के साकेतिक बोर्ड लगाए जाएंगे।
- गति सीमा के बोर्ड भी लगाए जाएंगे।
- सभी सड़क निर्माण एजेंसिया दुर्घटना बाहुल्य क्षेत्र का बोर्ड लगाएगी। इन बोर्ड पर निकटतम थाना, स्वास्थ्य केंद्र, एंबुलेंस नंबर दर्ज होगा।
- ब्लैक स्पॉट्स को सुधारने के बाद पहले और बाद की फोटो लगानी होगी।