पेंशन के लिए और 101 कलाकारों का चयन, 199 ने किया था आवेदन
अभी तक प्रदेश के 246 कलाकारों को मिल रही थी पेंशन। लगभग डेढ़ करोड़ के पेंशन बजट में से 59 लाख ही हो पाते थे खर्च।
लखनऊ [जुनैद अहमद]। उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग की ओर बुजुर्ग कलाकारों की पेंशन के बजट में से लगभग 70 प्रतिशत का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। बुजुर्ग कलाकारों की पेंशन के लिए डेढ़ करोड़ रुपये का सालाना बजट है। हालांकि, विभाग का कहना है कि इस वर्ष से पेंशन के लिए 101 और कलाकारों का चयन किया गया है।
इस बजट में 246 कलाकारों को पेंशन दी जाती है। इन 246 कलाकारों की पेंशन पर लगभग 59 लाख रुपये सालाना खर्च होते हैं। इस बजट में से लगभग 91 लाख रुपये हर साल बच जाते हैं। इसमें लगभग 375 कलाकारों को और पेंशन बांटी जा सकती है।
प्रदेश में हजारों की संख्या में बुजुर्ग कलाकार हैं, लेकिन वर्ष 2018-19 में विभाग ने सिर्फ 246 कलाकारों को ही पेंशन दी। कलाकारों को हर माह दो हजार की पेंशन के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। विभाग की ओर से 322 कलाकार पेंशन देने के लिए चयनित थे, लेकिन इनमें से 46 कलाकारों की मृत्यु हो गई और 30 के प्रमाण पत्र अधूरे हैं।
199 ने किया था आवेदन
प्रदेशभर से संस्कृति विभाग में पेंशन के लिए आए 199 आवेदनों में से 101 कलाकारों को चयनित कर लिया गया है। वर्ष 2019-20 से उन्हें भी पेंशन दी जाएगी। पेंशन के लिए कलाकार को अपनी आयु, आय प्रमाण पत्र, पंजीकृत संस्था में कार्य का सार्टिफिकेट समेत कई प्रमाण देने होते हैं। इसके अलावा कलाकारों का साक्षात्कार भी लिया जाता है।
क्या कहते हैं निदेशक संस्कृति विभाग?
संस्कृति विभाग के निदेशक शिशिर का कहना है कि बुजुर्ग कलाकारों की पेंशन के लिए लगभग डेढ़ करोड़ सालाना का बजट है। इसमें अभी 246 कलाकारों को पेंशन दी जा रही है। जिन कलाकारों के आवेदन आए हैं, उनका नियमानुसार चयन किया जाता है। इस वर्ष करीब सौ और कलाकारों को चयनित कर लिया गया है।