30 हजार मकानों में 20 का ही नक्शा पास, नियम ढहाकर खड़े हो गए 10 हजार मकान Ambedkarnagar News
अंबेडकरनगर में कम अर्थदंड के चलते नियमों को दरकिनार कर भवनों का हो रहा निर्माण।
अंबेडकरनगर [रणविजय यादव]। नगर में जनसंख्या के साथ मकानों की तादात में लगातार वृद्धि हो रही है। वर्ष 2011 की गणना के अनुसार शहर में 18 हजार मकान थे। अब इनकी संख्या लगभग 30 हजार हो गई है, लेकिन नक्शा सिर्फ 20 हजार मकानों के स्वीकृत हैं। भवन निर्माण के नियम ढहाकर 10 हजार मकान बनाए गए हैं।
शहर के नियोजित विकास के लिए 1975 से पहले महायोजना बनी थी। जिला मुख्यालय के निकाय क्षेत्र की परिधि में भवन निर्माण के नियम के अनुसार नक्शा पास कराना अनिवार्य है। इसके बाद भी बिना अनुमति व नक्शा पास कराए पक्का निर्माण कराया जा रहा है।
नक्शा बनवाने के लिए जमीन का स्वामित्व प्रमाण पत्र व भवन के निर्माण क्षेत्र पर आठ रुपये वर्ग मीटर की दर से शुल्क तय है। इसके साथ ही एक फीसद मजदूरी शुल्क श्रम विभाग के खाते में जमा करना होता है। पांच हजार वर्ग मीटर क्षेत्रफल में बने भवनों पर सोलर लाइट लगाने का भी प्रावधान है। साथ ही आवासीय भवन बनाते समय सड़क व नाली से तीन फीट जमीन छोड़कर निर्माण कराना होगा। भवन में किचन व शौचालय बनाना अनिवार्य है।
पांच दशक बाद भी नहीं बदला अर्थदंड :
पांच दशक बाद भी बिना नक्शे के स्वीकृति के मकान निर्माण करने पर अर्थदंड महज एक हजार ही है। इसके चलते भवन मालिक नियमों को दरकिनार कर मनमाने ढंग से भवनों का निर्माण करा रहे हैं।
नगर पालिका अधिशासी अधिकारी अकबरपुर सुरेश कुमार मौर्य ने बताया कि कम अर्थदंड के चलते लोगों में नियमों का डर नहीं है। जिसके चलते लोग नियमों को दरकिनार कर मकान का निर्माण करा रहे हैं। ऐसे भवन स्वामियों को नोटिस जारी कर कार्रवाई की जाएगी।