यूपी में लागू होगा 10 मेगावाट तक बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम, नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन की याचिका पर दी मंजूरी
Electricity Crisis In UP यूपी में 10 मेगावाट तक बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम लागू होगा। इस संबंध में उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन की याचिका को मंजूरी दे दी है। नई तकनीक से पीक आवर्स में महंगी बिजली खरीदने से कारपोरेशन को निजात मिलेगी।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। Electricity Crisis In UP पावर एक्सचेंज की महंगी बिजली न खरीदनी पड़े इसके लिए प्रदेश में 10 मेगावाट तक बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम जैसी नई तकनीक को लागू किया जाएगा। विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन की संबंधित याचिका को मंजूरी दे दी है। फिलहाल राज्य के 22 ट्रांसमिशन सब स्टेशनों में से इटावा, हाथरस, अलीगढ, मथुरा व गाजियाबाद जैसे ज्यादा राजस्व देने वाले सब स्टेशनों को बैटरी सिस्टम लगाए जाने के लिए चुना गया है।
10 मेगावट का एक स्टोरेज सिस्टम लगभग 60 करोड़ रुपये का होगा। आयोग ने कारपोरेशन को निर्देश दिया है कि बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम के लिए फर्मों का चयन प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग के माध्यम से किया जाए। फर्म के लिए शर्त होगी कि अगर बैटरी एनर्जी स्टोरेज की उपलब्धता 70 प्रतिशत से कम होगी तो उसे आयोग आदेशानुसार पेनाल्टी देनी होगी।
जानकारों के मुताबिक फुल चार्ज इस सिस्टम से पीक आवर्स में सुबह-शाम चार-चार घंटे बिजली की आपूर्ति की जा सकेगी। दरअसल, अभी पीक आवर्स में बिजली की मांग बढ़ने पर कारपोरेशन को एक्सचेंज से 12 रुपये यूनिट तक की बिजली खरीदनी पड़ती है जिसका भार अंततः उपभोक्ताओं को महंगी बिजली के रूप में उठाना पड़ता है।
नए सिस्टम से महंगी बिजली खरीदने से छुटकारा मिलने पर बिजली और महंगी होने की आशंका नहीं रहेगी। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम की प्रक्रिया शुरू करने संबंधी आदेश पर आयोग और कारपोरेशन के चेयरमैन एम. देवराज का आभार जताते हुए कहा कि इससे बिजली की दरों में कमी भी आएगी।