श्रम विभाग का केजीएमयू में कार्यरत 10 कंपनियों को नो टिस
लखनऊ जेएनएन। केजीएमयू में आउट सोर्सिंग कर्मियों के मानदेय कटौती का मामला थमा नहीं है। अब
लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में आउट सोर्सिंग कर्मियों के मानदेय कटौती का मामला थमा नहीं है। अब मैनपावर एजेंसियों का लाइसेंस व संस्थान का पंजीयन श्रम विभाग में न होने का मामला प्रकाश में आया है। कर्मियों की शिकायत पर विभाग ने कुलसचिव समेत कंपनियों को नोटिस जारी किया है। साथ ही संस्थान प्रशासन से भी जवाब-तलब किया है।
केजीएमयू में करीब 10 मैनपावर कंपनियां काम कर रही हैं। इनके तहत आउट सार्सिंग के जरिए नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ व चतुर्थश्रेणी कर्मियों की तैनाती की गई। यहां आउट सोर्सिंग के तहत करीब 5000 कर्मी तैनात हैं। काफी दिन पहले आउट सोर्सिंग कर्मियों ने मानदेय में मनमानी कटौती को लेकर श्रम मंत्री से शिकायत की थी। ऐसे में पूरे मामले की जांच के निर्देश दिए गए थे। इस दौरान पाया गया कि केजीएमयू ने श्रम विभाग में मुख्य नियोक्ता के रूप में अपना पंजीयन ही नहीं कराया है। इसी तरह यहां कार्यरत कंपनियों ने भी श्रम विभाग से लाइसेंस नहीं लिया है। इसे संविदा श्रम अधिनियम 1970 का उल्लंघन करार दिया। इस पर श्रम विभाग ने कार्यरत 10 कंपनियों को नोटिस जारी किया है, वहीं केजीएमयू प्रशासन से भी जवाब-तलब किया। संस्थान के प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने कहा कि श्रम विभाग के पत्र का अध्ययन कर समयगत जवाब भेज दिया जाएगा।