ललितपुर के एसडीएम हेमेंद्र कुमार ने खुद को गोली मारकर जान दी
उत्तर प्रदेश के एक प्रशासनिक अधिकारी ने आज खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। वह ललितपुर जिले के मडावरा में उप जिलाधिकारी (एसडीएम)पद पर तैनात थे।
ललितपुर (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश के एक प्रशासनिक अधिकारी ने आज खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली। वह ललितपुर जिले के मडावरा में उप जिलाधिकारी (एसडीएम) पद पर तैनात थे। मड़ावरा तहसील के सरकारी आवास में एसडीएम ने रविवार को गार्ड की रायफल से सिर में गोली मार ली। इससे उनकी वहीं मौत हो गई। घटना से जिले भर में सनसनी फैल गई। डीएम एवं एसपी समेत अनेक आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। मड़ावरा पुलिस ने एसडीएम के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।बताया गया है कि एसडीएम का एक बच्चा बीमार था जिसको लेकर वह तनावग्रस्त चल रहे थे। उनके एक बेटा और एक बेटी है।
घटना से जुड़े खास बिन्दु
- सैदपुर से उमाभारती के कार्यक्रम से आवास लौटे थे एसडीएम
- आवास पर वापस लौटने पर फोन पर किसी से आखिरी बात
- गार्ड से रायफल लेकर आवास में ही सिर के पास गोली मार ली।
- 28 जुलाई को ही ललितपुर में दर्ज कराई थी में अपनी आमद
- कुछ दिनों से दिख रहा था तनाव, पूछने पर कुछ बताते नहीं थे
पूछा-रायफल कैसे चलती है
दोपहर में सैदपुर में आयोजित कार्यक्रम से लौटकर एसडीएम हेमेंद्र कुमार काण्डपाल अपने सरकारी आवास आए। यहां वे अकेले रहते थे। किसी से फोन पर बात करने के बाद उन्होंने अनुचर से खाना लगाने को कहा। फिर वे कमरे से बाहर निकल आए और बाहर खाना खा रहे होमगार्ड संतोष से पूछा कि रायफल कैसे चलती है, इसके बाद रायफल लेकर अंदर चले गए। लगभग 2.30 बजे कमरे से गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास मौजूद लोग दौड़े। किसी तरह दरवाजा खोला गया तो अंदर का नजारा देख सभी के पैरों तले से जमीन सरक गई। कमरे में एसडीएम का रक्तरंजित शव पड़ा हुआ था और हाथों के नीचे गार्ड की रायफल फंसी हुई थी।
गार्ड की रायफल और खोखा बरामद
गोली एसडीएम के सिर में लगी थी। उन्हें तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां के चिकित्सकों ने उनको मृत घोषित किया। पुलिस ने मौके से गार्ड की सरकारी रायफल और खोखा बरामद किया है। मूलत : बरेली निवासी हेमेंद्र कुमार काण्डपाल गत जुलाई में ही ललितपुर में तैनात हुए थे। इसके पहले वे बुलंदशहर में डिप्टी कलेक्टर के पद पर कार्यरत थे। मई में आगरा से तहसीलदार के पद से उन्हें डिप्टी कलेक्टर बनाकर बुलंदशहर भेजा गया था।
एसडीएम किसी वजह से टेंशन में थे
पुलिस अधीक्षक डॉ. ओपी सिंह का कहना है कि एसडीएम के डॉक्टरों ने बताया है कि वे नींद की गोलियां लेते थे। पूछने पर बताते थे कि समस्या है, जिसके चलते टेंशन में रहते हैं। घरवालों से पूछताछ के बाद ही आत्महत्या के सही कारणों का पता चल पाएगा।