उफनती नदियां कटान कर तबाह करने लगीं यूपी के गांव और घर
उत्तर प्रदेश की नदियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। घाघरा, शारदा और राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
लखनऊ (जेएनएन )। उत्तर प्रदेश की नदियों का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा। घाघरा, शारदा और राप्ती नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कटान तेज होने से मकान ढहने शुरू हो गए। सीतापुर में बाढ़ के पानी में डूबकर एक व्यक्ति की मौत हो गई।
सीतापुर में शारदा व घाघरा में रविवार को डेढ़ फीट पानी बढ़ा है। वहीं बीती रात में बसंतापुर निवासी 30 वर्षीय रामू गौतम की बाढ़ के पानी में डूबकर मौत हो गई है। घाघरा ने कटान भी तेज कर दिया है। निर्मलपुरवा व पच्चीसा गांव के 20 मकान कटकर नदी में समाहित हो गए। मेउड़ी छोलहा, बरेठी, सोंसरी व गौड़ गांव में शारदा का कटान जारी है। बाराबंकी में घाघरा स्तर खतरे के निशान से ऊपर है। कचनापुर गांव में एक दर्जन कच्चे मकान ढह गए। लखीमपुर में शारदा का जलस्तर बढऩे से पलिया क्षेत्र में कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। बलरामपुर मेंं नालों में उफान से रविवार को बाढ़ का पानी तटीय क्षेत्रों में बसे गांवों में घुसने लगा है।
आजमगढ़ व मऊ में घाघरा का जलस्तर कहीं घटाव तो कहीं ठहराव लिए रहा। रविवार को बलिया के चांदपुर में घाघरा तेजी से कटान कर रही थी। मऊ में घाघरा का जलस्तर घटते ही किनारों पर कटान तेज हो गई है। दोहरीघाट में मुक्तिधाम पर स्थिति भयावह है। नदी का दबाव भारत माता मंदिर पर बना हुआ है। मंदिर की सुरक्षा में लगाया गया बोल्डर नीचे खिसक रहा है। नवली, सरहरा के साथ बीबीपुर-गोधनी बंधा के नीचे कटान तेज होने से बांध को खतरा पैदा हो गया है।
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इलाहाबाद में गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी है। यमुना का जलस्तर घटने की रफ्तार भी धीमी पड़ गई है।
कानपुर, उन्नाव, फर्रुखाबाद, फतेहपुर तथा हरदोई में गंगा का जल स्तर जहां बढ रहा है वहीं कन्नौज में घट रहा है। गंगा कटरी के कालीकुंडी, दरियापुर, अभयपुर आदि गांवों में कटान के कारण पानी बस्ती की ओर बढ़ रहा है। कानपुर से सटे कटरी तथा उन्नाव के शुक्लागंज क्षेत्र में गंगा के बढऩे से बाढ़ की आशंका है। कछार क्षेत्रों से लोगों का पलायन जारी है। बांदा में केन, हमीरपुर में यमुना, हरदोई में रामगंगा, बुंदेलखंड क्षेत्र में बहने वाली टोंस व बेतवा तथा चित्रकूट में मंदाकिनी का जल स्तर कम हो गया है।
मुरादाबाद में गंगा का जलस्तर बढऩे से तटीय गांवों में बाढ़ का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। हसनपुर तहसील क्षेत्र के ग्राम सिरसा गुर्जर की मढ़ैया में गंगा के कटान से झोपड़ी बह गई। मढ़ैया गांव के पचास साठ परिवार गंगा के टापू पर ही बसे हैं। उन पर सर्वाधिक बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। एटा में गंगा रौद्र रूप लेती जा रही है। नरौरा बैराज से और पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का पानी आधा दर्जन और गांवों के खेतों में प्रवेश कर गया है। फसलें पानी में डूब गई है। कासगंज के शहबाजपुर में तटबंध बह गया। पीलीभीत में रविवार को शारदा नदी के जल स्तर में कमी आई, लेकिन बहाव तेज होने के कारण कटान तेज हो गई।