व्यापारी एकता के नारों के बीच सफल रहा ललितपुर महाबन्द
ललितपुर ब्यूरो: जीएसटी, एफडीआइ, मण्डी शुक्ल, सैम्पलिंग, आयकर, ऑनलाइन ट्रेडिग और नगर पालिका द्वारा
ललितपुर ब्यूरो:
जीएसटी, एफडीआइ, मण्डी शुक्ल, सैम्पलिंग, आयकर, ऑनलाइन ट्रेडिग और नगर पालिका द्वारा आरोपित स्वकर प्रणाली के तहत लगाए गए भारी भरकम गृहकर व जलकर जैसी विभिन्न लम्बित समस्याओं को लेकर आन्दोलित व्यापारियों द्वारा उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल के आह्वान पर शुक्रवार का ललितपुर बन्द सफल रहा। इस दौरान शहर में व्यापारी एकता के नारे गुंजायमान हो गए। जिलाध्यक्ष सुरेश बड़ेरा की अगुवाई में जिला उद्योग व्यापार मण्डल के पदाधिकारी जुलूस की शक्ल में नारेबाजी करते हुए नगर में घूम-घूमकर व्यापारियों का हौसला बढ़ाते रहे। बाद में कलक्टरेट पहुँचकर जिला प्रशासन के माध्यम से प्रधानमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया। इधर गल्ला मण्डी में प्रदेश मन्त्री मनीष सड़ैया के प्रतिनिधित्व में गल्ला व्यापारियों ने भी गल्ला व्यापार पूर्णत: बन्द रखा। वहीं कैमिस्ट असोसिएशन के तत्वावधान में दवा व्यापारियों ने भी घूम-घूमकर बन्द को सफल बनाने में भूमिका निभाई।
ललितपुर महाबन्द को लेकर सुबह से ही व्यापार मण्डल के पदाधिकारी सड़क पर उतर आए थे। पूरे नगर में घूम-घूमकर नारेबाजी करते हुए व्यापारियों से अपने प्रतिष्ठान बन्द रखने का आह्वान किया जा रहा था। स्टेशन चौराहा, देवगढ़ रोड, कृष्णा सिनेमा बाजार, जिला पंचायत मार्केट, वर्णी चौराहा, श्री तुवन चौराहा, सुपर मार्केट, घण्टाघर चौराहा, सावरकर चौक, आजाद चौक, मवेशी बाजार, कटरा बाजार, लोहा-पीतल बाजार, चूड़ी मार्केट, साड़ी लाइन, महाकाली लाइन, चूना लाइन, सुभाष मार्केट, जूता लाइन, नझाई बाजार, जगदीश मार्केट आदि शहर के सभी प्रमुख बाजार पर बन्द का असर रहा। सभी बाजार पूर्णरूपेण बन्द रहे। दिनभर बन्द रहने के बाद सायं 4-5 बजे ही बाजार में कुछ दुकानें खोली गई। दोपहर में जुलूस की शक्ल में जिलाध्यक्ष सुरेश बड़ेरा की अगुवाई में सभी व्यापारी नेता कलक्टरेट पहुँचे। यहाँ उप जिलाधिकारी सदर व पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर हिमान्शु गौरव को प्रधानमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन पर जिलाध्यक्ष सुरेश जैन बड़ेरा, प्रदेश मन्त्री मनीष सड़ैया, जिला महामन्त्री प्रदीप सतरवास, जिला संसदीय महामन्त्री शैलेन्द्र सिंघई, जिला संयुक्त महामन्त्री अभिषेक जैन अनौरा, नगराध्यक्ष नवनीत किलेदार, जिला मन्त्री समित समैया, युवा जिलाध्यक्ष विशाल सर्राफ, युवा नगराध्यक्ष संजय जैन रिकू, अनिल मामाभान्जा, प्रदीप खजुरिया, जितेन्द्र सोनी, राजीव जैन सिरसौद, विभूति मूषक, दीपक जैन, जितेन्द्र राठौर, सुमत जैन चंदावली, विपिन जैन रोंड़ा, राहुल पंसारी, सौरभ मोदी, संजीव खरे, अनिल चौधरी, मगनलाल सोनी, कौशल किशोर सोनी, राहुल गुप्ता, वासुदेव पटवा, मोहम्मद इकराम, जिनेन्द्र चढ़रऊ, मानवेन्द्र सिंह गौर, कामता प्रसाद छायन, सूरजभान यादव, सुनील सैनी, सौरभ जैन, सचिन सिंघई, विवेक मोदी, शिब्बू राठौर, आदर्श नायक, विवेक शर्मा, संजीव सौंरया, सुरेन्द्र सिंह यादव, राजेश यादव, कृष्ण कुमार, अनिल जैन, राहुल गुप्ता, जीतेश जैन बंटी, दीपक आदि मौजूद रहे। गौरतलब है कि बन्द के समर्थन में गल्ला व्यापार मण्डल द्वारा गल्लामण्डी को भी पूर्ण बन्द रखने का ऐलान किया गया था। इसके तहत गल्ला मण्डी भी पूर्ण रूप से बन्द रही। इधर केमिस्ट असोसिएशन द्वारा भी बन्द के समर्थन में सभी मेडीकल स्टोर बन्द रखे गए। सर्राफा असोसिएशन के समर्थन से सर्राफा बाजार भी पूर्णरूपेण बन्द रहा। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार संगठन, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मण्डल के अलावा स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीज असोसिएशन द्वारा बन्द को सफल बनाने में पूरा सहयोग रहा।
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यह उठाई प्रमुख माँग
प्रधानमन्त्री को सम्बोधित ज्ञापन में व्यापार मण्डल द्वारा 14 सूत्रीय माँगे उठाई गई। इसमें जीएसटी में दो दर 5 फीसद और 16 फीसद रखी जाने की माँग की गई। जीएसटी में किसी भी प्रकार का जुर्माना 10 हजार से अधिक न हो और जेल का प्राविधान समाप्त किया जाए। पंजीकृत व्यापारियों का यूपी की तरह 10 लाख का दुर्घटना बीमा हो और व्यापारियों को टैक्स कलक्टर का दर्जा देते हुए पेंशन दी जाए। सिंगल ब्राण्ड रिटेल में सौ फीसद एफडीआई की अनुमति वापस हो। खुदरा व्यापार में विदेशी निवेश की अनुमति न दी जाए। आयकर में छूट सीमा 5 लाख की जाए और 80 सी के तहत छूट सीमा डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख की जाए। ऑनलाइन ट्रेडिग की व्यवस्था समाप्त की जाए। देश में पत्थर व लकड़ी पर वन विभाग का टैक्स समाप्त किया जाए। खाद्य सुरक्षा अधिनियम में जुर्माना अधिकतम 10 हजार हो तथा खाद्य कानून के मानक वर्तमान परिस्थितियों के अनुसार पुन: निर्धारण किए जाएं। खाद्यान्न एवं जरूरी वस्तुओं को वायदा कारोबार से बाहर रखा जाए। पॉलिथीन प्रतिबन्ध का व्यापारी स्वागत करते है, लेकिन इसकी आड़ में अन्य कोई सैम्पलिंग व सर्वे से उत्पीड़न बन्द हो। स्वकर के तहत निर्धारित किए गए भवन कर की दर कम की जाएं तथा 20 वर्ष से अधिक पुराने मकान की दर आधा की जाएं। जब तक नगर पालिका परिषद ललितपुर द्वारा गृहकर की राशि का सही निर्धारण नहीं हो जाता, तब तक जल संस्थान द्वारा दिए जा रहे भारी भरकम राशि के बिल स्थगित किए जाएं।