सौजना पुलिस का इन्साफ, पीड़िता के देवर को ही हवालात में डाला
सौजना / ललितपुर ब्यूरो: सौजना थाना पुलिस ने कानून के साथ-साथ इसानियत की भी चिन्दी - चिन्दी कर डाली
सौजना / ललितपुर ब्यूरो:
सौजना थाना पुलिस ने कानून के साथ-साथ इसानियत की भी चिन्दी - चिन्दी कर डाली। निराश्रित महिला को सताने वाले दबंग पर तो कार्यवाही नहीं की, बल्कि पीड़िता के देवर को ही पकड़कर हवालात में डाल दिया। जबकि निराश्रित महिला पिछले 3 दिनों से थाने के चक्कर लगा रही है। इतना ही नहीं सुनवाई न होने पर उसने थाने के सामने लगे पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या का प्रयास भी किया था।
सौजना थाना पुलिस की कार्यप्रणाली सुर्खियों में बनी हुई है। थाना क्षेत्र के बंजरया गाँव में रहने वाली निराश्रित महिला को 3 दिनों तक थाने के चक्कर लगाने के बाद भी न्याय नहीं मिल पाया है, आरोप है कि थाने की पुलिस महिला को सताने वाले दबंग के खिलाफ कार्रवाई के बजाय पीड़ित पक्ष पर समझौते के लिए दबाव बना रही है, जिससे विवश होकर पीड़ित महिला को बीते रोज थाने के सामने लगे पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या का प्रयास करने को विवश होना पड़ा था, लेकिन थाने के पुलिस कर्मियों ने उस समय कार्रवाई का भरोसा दिलाकर महिला को पेड़ के नीचे उतार लिया था, फिर भी दबंग के खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई। इस घटनाक्रम से हुई किरकिरी की खुन्नस सौजना पुलिस ने शनिवार को पीड़िता के उस देवर से निकाली, जो अपनी भाभी को इसाफ दिलाने के लिए पैरोकारी कर रहा था। विपक्षी से प्रार्थना पत्र लेकर पुलिस भाभी के साथ 3 दिनों से भटक रहे बेचारे देवर को पकड़ कर थाने ले आई और उसे हवालात में डाल दिया। इसके बाद शान्तिभंग की धारा 151 में उसका चालान कर दिया, जिसके बाद निराश्रित महिला अपनी फरियाद भूलकर देवर की जमानत के लिए भटकती रही। इस दिशा में पुलिस के उच्चाधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराते हुए घोषणा की है कि यदि आरोपी दबंग के खिलाफ कानूनी कार्यवाही नहीं की गई तो उसका परिवार जनपद मुख्यालय पर अनशन के लिए बाध्य हो जाएगा।
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बाक्स में,
यह है मामला -
सौजना थाना अंतर्गत ग्राम बंजरया निवासी मीना के अनुसार बीती 19 सितम्बर को बीती 19 सितम्बर को वह अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थी, तभी गाँव का एक दबंग शराब के नशे में उसके पास आया और गाली - गलौज करने लगा। गालियाँ देने से मना करने पर दबंग जान से मारने की धमकी देकर मारपीट करने लगा। 20 सितम्बर को वह अपने रिश्तेदार के साथ शिकायत लेकर थाने पहुँची, उसका आरोप है कि वहाँ मौजूद मुंशी ने 100 रुपये लेकर प्रार्थना पत्र लिखवा लिया, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की। उसका कहना है कि आरोपी से सुविधा शुल्क लेकर उस पर राजीनामा को दबाव बनाने लगे, जिससे इकार करने पर पुलिस उसके परिजनों का उत्पीड़न करने लगी है।