Move to Jagran APP

भारी बारिश के साथ बहने लगे किसानों के आँसू

तालबेहट(ललितपुर) : पिछले कई दिनों से हो रही तेज बारिश से किसानों की फसलों पर पानी फिर गया है। तेज बा

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Sep 2018 01:49 AM (IST)Updated: Sat, 08 Sep 2018 01:49 AM (IST)
भारी बारिश के साथ बहने लगे किसानों के आँसू
भारी बारिश के साथ बहने लगे किसानों के आँसू

तालबेहट(ललितपुर) : पिछले कई दिनों से हो रही तेज बारिश से किसानों की फसलों पर पानी फिर गया है। तेज बारिश से जहाँ क्षेत्र के बाँधों का जलस्तर बढ़ रहा है। वहीं बारिश का पानी खेतों में भर जाने से क्षेत्र के किसानों की फसलें चौपट हो गई है। निरतर हो रही अतिवर्षा ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरे देखी जा सकती है। किसान अतिवर्षा से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराकर मुआवजे की माँग उठा रहे है।

loksabha election banner

सूखे से जूझते किसानों ने अच्छे मानसून की उम्मीद में खेतों को तैयार कर उड़द, मूंगफली व मक्का की फसलें बोई थीं और सुनहरे सपने संजोये थे। मगर बीते दिनों से हो रही निरतर बारिश ने उनके सपने एक बार फिर चूर कर दिये है। अतिवर्षा होने से खेतों में पानी भर गया है, जिससे खेतों में खड़ी फसलें डूबकर तबाह हो गई है।

शुक्रवार को पूराबिरधा क्षेत्र के गाँवों के किसान पूराबिरधा ग्राम प्रधान कैलाश सिंह लोधी के नेतृत्व में तालबेहट तहसील कार्यालय पहुँचे, जहाँ किसानों ने तालबेहट के उपजिलाधिकारी आजाद भगत सिंह को ज्ञापन सौंपा और अतिवर्षा से बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिलाने की माँग र्की। किसानों ने आरोप लगाया कि वह पूर्व में ज्ञापन दे चुके है, किन्तु उसके बाबजूद भी राजस्व विभाग का कोई भी अधिकारी या कर्मचारी उनकी बर्बाद हुई फसलों का आँकलन करने नहीं पहुँचा। ज्ञापन देने वालों में करन सिंह, कमल सिंह, श्यामसुन्दर, दुर्ग सिंह, शैलेन्द्र, महेश, वीरवल, लखन, कुंवरलाल, रामदयाल, मोतीलाल, जगदीश, नाथूराम, हीरालाल, शेर सिंह, जसरथ शामिल रहे।

वहीं, ग्राम बिजरौठा व रारा क्षेत्र दर्जनों किसान तालबेहट तहसील कार्यालय पहुँचे। जहाँ उन्होंने तालबेहट के एसडीएम आजाद भगत सिंह को ज्ञापन सौंपकर अतिवर्षा से बबार्द हुई फसलों का आँकलन कराकर उचित मुआवजा दिलाये जाने की माँग उठाई। ज्ञापन पर देशराज कुशवाहा, पारीछत, वीरन सिंह, रामसेवक, विजय सिंह, सुखलाल, रामसेवक, श्रीपत आदि के हस्ताक्षर रहे।

आम आदमी पार्टी के विधानसभा अध्यक्ष हजारीलाल राजपूत के नेतृत्व में किसानों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बताया कि इस बार क्षेत्र के किसानों ने कर्ज लेकर खेतों में बीज डाला था। अच्छे मानसून के चलते फसलें भी अच्छी थीं। किन्तु पिछले गई दिनों से हो रही तेज बारिश ने किसानों की फसलें सड़ा दी है। उन्होंने फसलों का आँकलन कराकर मुआवजा दिलाये जाने की माँग उठाई। ज्ञापन देने वालों में राकेश राजपूत, हरीशकर, कमलेश, अभिनन्दन, फूल सिंह, सोहन सिंह, सुरेश नारायन, रामसिंह, महेन्द्र सिंह, मोहन, बालचन्द्र, खेमचन्द्र, रामकुमार, राघवेन्द्र शामिल रहे।

::

बॉक्स में -

फोटो 3

तालबेहट : जानकारी देते एसडीएम।

::

निराश न हों किसान : एसडीएम

तालबेहट : मुआवजे की फरियाद लेकर एसडीएम की चौखट पर पहुँचे किसानों का एसडीएम ने दर्द सुना और उन्हे उचित मदद का भरोसा दिलाया। एसडीएम ने कहा कि तेज बारिश से बर्बाद हुई फसलों का आँकलन कराने के लिये तहसीलदार के नेतृत्व में लेखपालो की टीमें गठित की गई है। किसान निराश न हों, उनकी बर्बाद हुई फसलों का सर्वे कराये जाने के निर्देश दे दिये गये है। जिन किसानों की फसलों को क्षति होगी, उन्हे नियमानुसार मुआवजा दिलाने की कार्यवाही की जायेगी। इसके अलावा बारिश के चलते लेखपालों को अपने-अपने क्षेत्र में रहने के निर्देश दिये गये है। शनिवार को तहसील सभागार में क्षेत्र के लेखपालों की बैठक ली जायेगी, जिसमें बाढ़ नियंत्रण व अतिवर्षा से बर्बाद हो रहीं फसलों के आँकलन को लेकर दिशा-निर्देश जारी किये जायेंगे।

डोंगराखुर्द : पिछले 20 दिनों से लगातार हो रही बारिश से किसानों की मूँग व उड़द की फसलें खेत में सड़ कर नष्ट हो रही है।

किसानों का कहना है कि मूँग की फसल पक कर तैयार हो गई थी और टूटने का काम जारी था। इस साल शुरू में फसल अच्छी नजर आ रही थी और किसानों को आस लगने लगी थी कि इस रबी की फसल से साहूकारों का कर्ज तो चुक ही जायेगा। शुरु में कम-कम और बाद में मेघ इतने बरसे की किसानों के सारे अरमानों पर पानी फिर गया है। अधिक वर्षा होने से तहसील पाली के दिगवार, डोंगरा खुर्द, बरेजा, तरावली, पटना, पारोल, बरौदिया, सिंगरवारा, गुरयाना, जामनी, चादौरा, गुढा मडावरा, खिरिया उवारी में सही समय पर बोनी हो गई थी और फसल ठीक थी कि मेघा के झमाझम बरसने से सारी फसल सड़ कर नष्ट हो गयी है। ऐसे में ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से पानी में सड़ गई फसल के मुआवजा की माँग की है।

::

अर्जुनखिरिया : तहसील पाली के डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा ग्रामों में चल रही लगातार तेज बारिश में खरीफ की फसलों को तबाह कर दिया। ग्रामीणों ं का कहना है हमारे क्षेत्र में एक भी ऐसा गाँव नहीं बचा जो जलमग्न नहीं हुआ हो। खेत बारिश के पानी से भरे पड़े हैं और फसलों का स्वाहा हो गया। वही ग्राम उमरिया, बमोरी, सिंदवाहा, जमौरा, सरखडी, इमिलिया, नयागाव, झरावटा, बगौनी, बड़गाना, बछरई, ललतापुर, वनयाना, धौलपुरा, गदौरा, दैनपुरा, गदनपुर, मुडिया, पड़रिया, महाराजपुरा, अर्जुनखिरिया आदि के ग्रामवासी अपनी फसलों को देखकर माथे से हाथ लगाए बैठे हैं। किसानों ने आर्थिक मदद दिलाये जाने की माँग की है।

बिरधा: पिछले दिनों से लगातार हो रही बारिश से अन्नदाता किसान के ऊपर मुसीबतों का पहाड़ ही टूट पड़ा है। किसानों की फसल सड़कर नष्ट हो गयी है। खेत जलमग्न हो गये हैं, जिससे उर्द और मूंग की फसलों की जड़ें सड़ने लगी है जिस कारण किसानों की मुसीबत बढ़ गयी है। बिरधा में सबसे ज्यादा फसल को नुकसान बम्हौरी मजरा में है। यहाँ पर लगातार हुयी बारिश से उर्द और मूँग जमींदोज हो गये है। हर जगह केवल पानी ही पानी दिखाई दे रहा है और यहाँ पर उर्द और मूंग की फसल पूरी तरह से गल गयी है। आसपास क्षेत्र में करमरा, पटऊवा, सतरवास, कुमरौल, पठारी, विजयपुरा, सतौरा में फसल को काफी नुकसान हो गया है।

सैदपुर : बीते दिनों से लगातार हो रही भारी बारिस के चलते जहाँ नदी नाले उफान पर हैं तो वहीं किसानों की खरीफ की फसलें सडृने के कारण काला रोग पैदा हो गया है। पिछले वर्ष सूखा के चलते कई गॉवों के किसानों बीमा का पैसा उनके बैंक खातों में नहीं आया। किसान क्रेडिट कार्ड से बीमा की धनराशि काट तो ली जाती है पर उन्हें नुकसान की धनराशि उपलब्ध नहीं कराई जाती है। वहीं सैदपुर, नैनवारा, करौंदा, गढौली कलॉ, दरौना, मुडिया, रमेशरा, सतवासा, बारचैन, सक्तू, बमराना के किसानों ने जिलाधिकरी से फसलों के हुए नुकसान की सर्वे कराकर उचित बीमा धनराशि उपलब्ध कराये जाने की माँग की है।

::

इनका कहना है

::

20 दिनों से लगातार हो रही बारिश से खेत जलमग्न हो गये है जिस कारण दलहन फसलें पूर्ण रूप से नष्ट हो चुकी है। बम्हौरी में तत्काल सर्वे कराया जाये, जिससे उचित समय पर मूल्याकन हो सके।

-अवधेश चौधरी, किसान बिरधा।

::

ग्राम पंचायत पटऊवा में फसल का 80 से 85 प्रतिशत तक नुकसान हो गया है और बारिश अभी बन्द नहीं हुयी है। अगर 1-2 दिन बारिश और हुयी तो पूरी फसल नष्ट हो जायेगी।

-मलखान राजपूत, ग्राम प्रधान पटऊवा।

::

किसान ने कर्ज करके जैसे -तैसे खरीफ की फसल की बुबाई की और कीटनाशक दवाई और पोषक दवाई डाली, लेकिन अत्यधिक वर्षा होने के कारण बम्हौरी मजरा में फसल पूरी तरह से गल कर जमीन में मिल गयी है।

राममनोहर पाराशर, किसान बम्हौरी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.