3 शातिर लुटेरों को 10-10 वर्ष का कठोर कारावास
ललितपुर ब्यूरो : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) मनोज कुमार शुक्ला ने लगभग
ललितपुर ब्यूरो :
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) मनोज कुमार शुक्ला ने लगभग 7 वर्ष पूर्व घटित मोटरसाईकिल लूट की दुस्साहसिक व सनसनीखेज घटना में अहम फैसला सुनाते हुये 3 शातिर लुटेरों को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई साथ ही 35 हजार रूपया अर्थदण्ड भी लगाया। अर्थदण्ड अदा न करने पर अभियुक्तों को अतिरिक्त सजा भी भोगनी होगी। इस समय तीनों अभियुक्त जमानत पर थे।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता लखनलाल यादव ने बताया कि लगभग सात वर्ष पूर्व 8 अक्टूबर 2011 को थाना बार अन्तर्गत ग्राम डुलावन निवासी उत्तमचन्द्र कुशवाहा पुत्र दयाली ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक को दिये प्रार्थना पत्र में बताया कि 7 अक्टूबर की रात वह अपने गाँव के ही साथी रामजीवन कुशवाहा पुत्र सुरेश के साथ अपनी हीरो होण्डा स्प्लेंडर मोटरसाइकिल से ललितपुर से अपने गाँव वापस लौट रहा था। रात्रि करीब 9 बजे जब वह थाना बानपुर अन्तर्गत ग्राम तेरा ही पहुँचा था कि तभी डिस्कवर मोटरसाइकिल सवार 3 बदमाशों ने उसका पीछा किया और ओवरटेक कर उसकी मोटरसाइकिल रोक ली। उसके रूकते ही 1 बदमाश ने उसके सीने पर तमंचा अड़ा दिया। साथ ही उनकी मारपीट करने लगा। तीनों बादमाशों ने उन दोनों की जमकर मारपीट की और उसकी मोटरसाइकिल छीनकर रेलवे क्रासिंग के पुल की ओर ललितपुर की तरफ भाग गये। इस घटना से दोनों भयभीत हो गये। रात के अंधेरे में किसी प्रकार पैदल चलकर वह अपने गाँव पहुँचे और परिजनों तथा ग्रामीणों को घटना की जानकारी दी। इसके बाद वह लोग रात्रि में ही थाना बानपुर पहुँचे और पुलिस को घटना की जानकारी देकर रिपोर्ट दर्ज करने को कहा। इस पर बानपुर पुलिस ने यह कहकर कार्यवाही करने से इकार कर दिया कि घटना स्थल उनके क्षेत्र में नही है। इस पर वह मायूस होकर घर लौट गये थे। लूट की दुस्साहसिक व सनसनीखेज घटना को गम्भीरता से लेते हुये पुलिस अधीक्षक ने बानपुर थानाध्यक्ष को रिपोर्ट दर्ज कर बदमाशों की धरपकड़ के आदेश दिये। साथ ही एसओजी टीम को भी बदमाशों को दबोचने में लगा दिया। 8 अक्टूबर की रात बानपुर पुलिस ने उत्तमचन्द्र की तहरीर पर 3 अज्ञात बदमाशों के खिलाफ धारा 392 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पीड़ित ने पुलिस को बताया था कि वह बदमाशों को चेहरा देखकर पहचान सकता है। इस आधार पर पुलिस ने बदमाशों की धरपकड़ के लिये छापामारी शुरू कर दी थी।
16 अक्टूबर 2011 को तत्कालीन एसओजी प्रभारी एनएल सिंह व बानपुर थानाध्यक्ष सुजीत वर्मा ने मुखबिर की सूचना पर बानपुर क्षेत्र के ग्राम उदयपुरा के नजदीक बंगलन तिराहे पर छापा मारकर 1 बदमाश को लूटी गयी मोटरसाइकिल समेत दबोच लिया। पकड़े गये बदमाश ने अपना नाम जण्डेल सिंह उर्फ भल्ले ठाकुर पुत्र शकर सिंह निवासी ग्राम मउमाफी थाना कोतवाली बताया था। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने बताया कि 7 अक्टूबर की रात उसने अपने साथी राजेन्द्र सिंह पुत्र हिम्मत सिंह ठाकुर निवासी ग्राम धुरवारा थाना जखौरा व सुनील उर्फ भूरा कबूतरा निवासी ग्राम चीरा थाना कोतवाली के साथ मिलकर ग्राम तेरा के पास 2 व्यक्तियों की पिटाई कर मोटरसाइकिल लूट ली थी। वह इसी लूटी गयी मोटरसाइकिल से जा रहा था। पुलिस ने जण्डेल को जेल भेज दिया। साथ ही इस मुकदमे में धारा 411 की बढ़ोत्तरी भी कर ली थी। इसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर छापा मारकर बानपुर क्षेत्र के दैलवारा-भारौनी तिराहे से 22 अक्टूबर को सुनील कबूतरा को गिरफ्तार कर लिया था। वहीं 1 नवम्बर को राजेन्द्र सिंह को भी प्लेटिना बाइक व 315 बोर तमन्चा, 2 जिंदा कारतूस समेत दबोच लिया था। दोनों बदमाशों को पुलिस ने जेल भेज दिया था। 9 नवम्बर को घटना का शिकार बने उत्तमचन्द्र व रामजीवन को लेकर पुलिस जिला कारागार पहुँची थी। जहाँ शिनाख्त परेड में दोनों ने तीनों बदमाशों की पहचान कर ली थी। पुलिस ने तीनों बदमाशों के नाम मुकद्मे में शामिल कर चार्जशीट तैयार की और न्यायालय में पेश कर दी। तब से यह मामला न्यायालय में विचारधीन था। इस समय तीनों अभियुक्त जमानत पर चल रहे थे। गुरूवार को सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता की दलीलों, गवाहों के बयानों व साक्ष्यों को आधार मानकर न्यायालय ने तीनों बदमाशों को आवश्यक बल प्रयोग कर लूट करने के अपराध की धारा 394 में दोषी पाते हुये 10-10 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10-10 हजार रूपया अर्थदण्ड भी लगाया। अर्थदण्ड अदा न करने पर तीनों को 1 वर्ष की अतिरिक्त सजा भी भोगनी होगी। चूँकि लूटी गयी मोटरसाईकिल जण्डेल सिंह के कब्जे से बरामद हुयी थी। अत: न्यायालय ने जण्डेल सिंह को धारा 411 माल बरामदगी में दोषी पाते हुये तीन वर्ष की सजा सुनायी। साथ ही 5 हजार रुपये अर्थदण्ड भी लगाया। अर्थदण्ड अदा न करने पर उसे 6 माह का अतिरिक्त कारावास भी भोगना होगा। सजा सुनाये जाने के बाद पुलिस ने तीनों अभियुक्तों को अपनी हिरासत में लेकर जेल भेज दिया।
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राजेन्द्र पर था पाच हजार का इनाम
ललितपुर : इस दुस्साहसिक व सनसनीखेज घटना में फरार चल रहे राजेन्द्र सिंह की गिरफ्तारी पर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ने पाच हजार रूपये का इनाम घोषित किया था। साथ ही इनाम घोषणा की सूचना मण्डल के सभी जनपदों के साथ साथ पड़ौसी मध्य प्रदेश के सीमावर्ती जनपदों की पुलिस को भी भिजबाई गयी थी।
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यह भी अजब संयोग
ललितपुर : मोटरसाईकिल लूट काण्ड में शामिल सुनील कबूतरा लगभग 2 वर्ष पूर्व घटित खाद व्यापारी से 25 लाख रूपये की लूट की दुस्साहसिक वारदात का भी आरोपी है। इसे संयोग ही कहा जायेगा कि जिस वक्त सुनील को लूट मामले में सजा सुनाई जा रही थी। उसी दिन खाद व्यापारी से हुयी लूट मामले में न्यायालय में पीड़ित व गवाहों के बयान भी दर्ज कराये जा रहे थे। के बयान भी दर्ज हो रहे थे।