गैर इरादतन हत्या में 2 को 7-7 वर्ष का कारावास
ललितपुर : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) उमेश कुमार सिरोही ने 4 वर्ष पूर्व शहर के बस स्टैण्ड
ललितपुर :
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (प्रथम) उमेश कुमार सिरोही ने 4 वर्ष पूर्व शहर के बस स्टैण्ड पर घटित विक्षिप्त भिखारिन की हत्या के बहुचर्चित मामले को साक्ष्यों के आधार पर गैर इरादतन हत्या मानते हुए 2 अभियुक्तों को 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनायी। साथ ही अर्थदण्ड भी लगाया। दोनों अभियुक्त घटना के समय से ही जिला कारागार में निरुद्ध है।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता खुशीलाल लोधी ने बताया कि 26 जून 2014 को कोतवाली अन्तर्गत शहर के मोहल्ला घुसयाना निवासी कोमल पुत्र विशनलाल ने कोतवाली पुलिस को दी तहरीर में बताया था कि मोहल्ला घुसयाना स्थित नया बस स्टैण्ड की धर्मशाला के बनी दुकानों के बरामदे में संतोष पुत्र अल्फ्रेड ईसाई कबाड़ बीनकर रात्रि में शराब पीता है। लगभग डेढ़ साल से उड़ीसा की रहने वाली 1 विक्षिप्त औरत संतोष के साथ रहती थी। वह बस स्टैण्ड पर भीख माँगकर खा पी लेती थी या संतोष आटा लेकर आता था, तो दोनों खाना बनाकर खाते थे। उनके पास मोहल्ला घुसयाना का संतोष ग्वाला पुत्र बिहारीलाल भी शराब व गाँजा पीने के लिए आता था। कुछ दिन पूर्व इस औरत को मारपीट कर भगा दिया गया था। प्रात: जब वह बस स्टैण्ड से निकला, तो बीटीसी ग्राउण्ड की तरफ जाकिर के डिब्बे के पास बस स्टैण्ड के सीसी रोड पर उक्त महिला मरी पड़ी थी। उसकी कनपटी से खून बह रहा था। पुलिस ने संतोष ईसाई व संतोष ग्वाला निवासी घुसयाना के खिलाफ हत्या की धारा 302 के तहत मामला दर्ज कर लिया था। पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर न्यायालय में पेश की। शुक्रवार को न्यायाधीश ने संतोष ईसाई व संतोष ग्वाला को धारा 304(2)/ 34 में 7-7 वर्ष के सश्रम कारावास व 5-5 हजार रुपया अर्थदण्ड की सजा सुनायी। अर्थदण्ड अदा न करने पर दोनों अभियुक्तों को 5-5 माह का अतिरिक्त कारावास भी भोगना होगा। कोतवाली की ओर से शेषन पैरोकार राधेश्याम सचान ने मामले की पैरवी की।