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अफसरों ने देखी बजाज पावर प्लाँट के प्रदूषण की हकीकत

ललितपुर ब्यूरो : अपर जलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर सिंह ने तहसीलदार महरौनी गुलाब सिंह, क्षेत्रीय प्र

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 01:10 AM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 01:10 AM (IST)
अफसरों ने देखी बजाज पावर प्लाँट के प्रदूषण की हकीकत
अफसरों ने देखी बजाज पावर प्लाँट के प्रदूषण की हकीकत

ललितपुर ब्यूरो :

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अपर जलाधिकारी योगेन्द्र बहादुर सिंह ने तहसीलदार महरौनी गुलाब सिंह, क्षेत्रीय प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड झाँसी वीके मिश्र, पर्यावरण प्रदूषण की टीम एवं डॉ. वीपी सिंह सहायक महाप्रबन्धक उद्योग प्रतिनिधि के साथ बजाज पावर प्लाँट का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इस दौरान उन्होंने प्लाँट के चारों तरफ भ्रमण कर प्रदूषण के बारे में जानकारी ली। उन्होंने सम्पूर्ण जाँच रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंप दी है।

जाँच के दौरान उन्होंने पाया कि पावर प्लाँट द्वारा कच्चे माल के रूप में कोयला पानी आदि का प्रयोग कर विद्युत उत्पादन किया जाता है। उद्योग द्वारा विद्युत उत्पादन हेतु 1980 मेगावॉट की 3 इकाईयाँ स्थापित है। निरीक्षण के समय 3 इकाईयो में से 1 इकाई ही कार्यरत पाई गयी। प्लाँट द्वारा जल का प्रयोग घरेलू प्रयोजनार्थ एवं औद्योगिक प्रकियाओं में बॉयलर में फीडिंग, कूलिंग टावर, डीएमवाटर, फ्लोर वाश्िाग आदि में किया जाता है। औद्योगिक प्रक्रिया से जनित औद्योगिक उत्प्रवाह के शुद्विकरण हेतु 250 घनमीटर क्षमता का शुद्विकरण संयंत्र प्लाँट में स्थापित है जो चालू हालत में है जिसकी मुख्यत: इकाईयां आयल सैपरेशन यूनिट, कलेक्शन पिट, डोजिंग टैंक मिक्सिंग टैक टयूब सैटलिंग टैंक गार्ड पाण्ड आदि के माध्यम से शुद्धिकृत किया जाता है। औद्योगिक उत्प्रवाह के शुद्धिकरण संयंत्र के प्रारम्भिक एवं अंतिम बिन्दु से उत्प्रवाह का नमूना एकत्र कर विश्लेषण हेतु क्षेत्रीय कार्यालय की प्रयोगशाला में जाँच हेतु भेजा गया है। जाँच के बाद ही वास्तविक स्थिति सामने आ सकेगी।

जाँच में पाया कि प्लाँट में 1983 टन/घण्टा वाष्प जनन क्षमता के 3 बॉयलर स्थापित हैं जिसमें ईधन के रूप में /10412 एमटी/दिन की दर से कोयला का प्रयोग किया जाता है। कोयले के जलने से उत्पन्न फ्लू गैसों के उत्सर्जन हेतु तीनों बॉयलरों के भूतल से लगभग 275 मीटर ऊँची चिमनी स्थापित है। वायु प्रदूषण नियंत्रण व्यवस्था के रूप में ईएसपी स्थापित है। प्लाँट में जल की आपूर्ति हेतु 4 लाख घनमीटर क्षमता का वाटर रिजर्वायर स्थापित है, जिसमें एकत्रित हो रहे जल का रिसाव उटारी नदी के कच्चे नाले के माध्यम से किया जाता है। प्लाँट द्वारा आसपास के कृषको की सीवेज पानी से प्रभावित हुई फसल की क्षति का एग्रीमेण्ट कराकर मुआवजा दिये जाने की कार्यवाही की जाती है। उपरोक्त समस्त तथ्यों के सम्बन्ध में अपर जिलाधिकारी द्वारा ग्राम एवं पावर प्लाट के आसपास भ्रमण कर कृषक लाल सिंह पुत्र बृजभान यादव मिर्चवारा, कंचनपुरा, जगतराम पुत्र देशराज, कैलाश यादव पुत्र पूरन ंिसंह यादव, महेश यादव पुत्र मगनलाल यादव मिर्चवारा, हल्का पुत्र श्यामलाल राजू पुत्र हरी निवासी बुरौगाव, जानकी पुत्र जग्गा निवासी मिर्चवारा से भी जानकारी ली और आख्या जिलाधिकारी को सौंप दी।


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