वादाखिलाफी का शिकार हो गयी शहर की 'शहजादी'
ललितपुर: तमाम प्रयासों के बावजूद शहर की 'शहजादी' शहजाद नदी की बदहाली दूर नहीं हुई। न तो पूरी तरह स
ललितपुर:
तमाम प्रयासों के बावजूद शहर की 'शहजादी' शहजाद नदी की बदहाली दूर नहीं हुई। न तो पूरी तरह से नदी की जलकुम्भी ही साफ की गयी और न ही झाड़ियाँ ही हटायी गयी। नदी की सफाई के नाम पर खर्च भी बहुत किया गया, लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात ही रहा। बुन्देलखण्ड विकास सेना ने शासन-प्रशासन पर सफाई के नाम पर वायदा खिलाफी का आरोप लगाकर बारिश से पूर्व नदी की सफाई कराये जाने की माँग की है।
बुन्देलखण्ड विकास सेना की बैठक कम्पनि बाग में सेना प्रमुख हरीश कपूर टीटू की अध्यक्षता में आहूत की गयी। जिसमें वक्ताओं ने शहजाद नदी की दुर्दशा और गन्दगी पर चिन्ता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि लगभग 6 माह पूर्व बुविसे के अथक प्रयासों के फलस्वरूप शासन प्रशासन ने अपना अस्तित्व खोती जा रही शहजाद नदी की सफाई और इसका अस्तित्व बचाने का बीड़ा उठाया था। संकल्प के साथ साफ-सफाई कर गन्दगी के हटाने के अभियान की शुरूआत की गयी थी। चंद दिन अभियान चलने के साथ ही नदी का स्वरूप दिखाई देने लगा था। नगर पालिका के अथक प्रयासों से नदी की जलकुम्भी साफ की जाने लगी थी, साथ ही पुल की झाड़िया भी साफ कर गन्दे पानी की निकासी भी की जाने लगी थी। अभियान के दौरान शासन-प्रशासन व नगर पालिका ने नदी की जलकुम्भी, झाड़िया, साफ करने के साथ-साथ गन्दे पानी की निकासी को अलग से सीवर लाइन डालकर नदी की स्वच्छता को बनाये रखने का वायदा किया था। यही नहीं नदी के घाटों पर आकर्षक विद्युत लाइट लगाकर गन्दगी फैलाने वालों पर कार्यवाही का भरोसा भी दिया था। कुछ दिन तो अभियान के तहत नदी की सफाई की गयी, लेकिन बाद में बीच में ही काम को बंद कर दिया गया, जिससे पुन: इस नदी पर गन्दगी फैलना शुरू हो गई। वक्ताओं ने कहा कि नगर पालिका ने न तो पुल की द्वारिया, जलकुम्भी ही साफ की और न ही सीवर लाइन की ही व्यवस्था की, जिससे एक बार पुन: शहजाद नदी कचरे से पट गयी है और अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रही है। सेना प्रमुख ने कहा कि नदी की सफाई एवं उसे सुन्दर रूप देने के बजाय शासन-प्रशासन द्वारा नदी में शहर का कूड़ा डम्प कराकर गन्दगी फैलायी जा रही है। बरसात आने को है,ऐसे में पुल की द्वारिया साफ नही हुई और पुन: झाड़िया उगने लगी है। उन्होंने शासन-प्रशासन व नगर पालिका का ध्यान आकर्षित कराते हुए शहजाद नदी को अतिक्रमण से मुक्त कर सफाई व्यवस्था दुरुस्त रखे जाने, सौन्दर्यीकरण कराये जाने की माग की। ऐसा न होने पर जनसहयोग से आन्दोलन की चेतावनी भी दी।
इस मौके पर हरविन्दर सिंह सलूजा, अमर सिंह बुन्देला, भगवत दयाल वर्मा, कदीर खान, खुशाल बरार, गफूर खान, मुन्नालाल त्यागी, अफजल पहलवान, कामता प्रसाद भट्ट, जाहर सिंह सहरिया, राजाराम कुशवाहा, पूरनलाल पाल, परशुराम, गोपाल, भागचन्द्र कुशवाहा, नन्दराम कुशवाहा, महेन्द्र कुमार, विजय कुशवाहा, पुष्पेन्द्र शर्मा, मनोज सोनी आदि मौजूद रहे।