कभी तेज धूप, तो कभी ठण्डी हवा का झोंका
ललितपुर ब्यूरो : बीते कुछ दिनों से मौसम का मिजाज समझ से परे है। बीते एक पखवाड़ा के भीतर हल्की-फुल्क
ललितपुर ब्यूरो :
बीते कुछ दिनों से मौसम का मिजाज समझ से परे है। बीते एक पखवाड़ा के भीतर हल्की-फुल्की फुहारे बरसने के बाद एक बार फिर भगवान भास्कर आसमान से आग बरसाने लगे। यही वजह है कि हल्की बारिश से खुशनुमा हुए मौसम के बाद एक बार फिर तेज धूप और भीषण गर्मी से पारा चढ़ने लगा है, जिससे लोग बिलबिला उठे है। ऐसे में लोग अच्छे मानसून की उम्मीद लगाये बैठे हैं।
अप्रैल-मई के मौसम में भीषण गर्मी और तेज धूप ने लोगों को बेहाल कर दिया। मई के अन्तिम सप्ताह में तो पारा रिकॉर्ड 48 डिग्री तक पहुँच गया था। स्थिति यह रही कि मई माह में तो भगवान भास्कर आसमान से आग उगलते रहे। यही वजह है कि तापमान 40-42 से लेकर 47-48 तक पहुँचा। अब तक के इतिहास में इस साल ही तापमान 48 डिग्री तक पहुँचा। भीषण गर्मी और तेज धूप से बचने के लिए लोगों ने तरह-तरह के जतन किये। इसके बावजूद न तो भीषण गर्मी से ही लोगों को राहत मिली और न ही आग बरसा रहे सूर्यदेव के तेवर ही नरम पड़े। दिन प्रतिदिन बढ़ते तापमान, तेज धूप ने लोगों को खूब परेशान किया। जून माह की शुरूआत में भी तेवर तीखे ही रहे। इस बीच जनपद में कहीं-कहीं तेज हवा के साथ हल्की-फुल्की बारिश भी हुई। दो-चार दिन वातावरण खुशनुमा भी रहा। लेकिन अब पुन: भगवान भास्कर अपने तीखे तेवरों के साथ एक बार फिर आग बरसा रहे है, जिससे तापमान बढ़ रहा है। दिन में तेज धूप का सितम और गर्मी लोगों को बेहाल कर रही है। हालाकि बीच-बीच में बादलों की छोटी सी टुकड़ी चन्द मिनट के लिए सूर्यदेव को ढक भी लेती है, जिससे कुछ देर के लिए माहौल सुहावना हो जाता है, लेकिन अगले ही पल बादलों का सीना चीरकर निकले भगवान सूर्यदेव फिर से आग बरसाने लगते है, जिस कारण लोग पसीने से तर-बतर हो जाते है। आमतौर पर 15 जून तक मानसून आ जाता है, लेकिन फिलहाल जिस तरह से आसमान साफ नजर आ रहा है, उससे बादल दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहे है, जिसको लेकर लोग चिन्तित है। लोगों को इतजार है बारिश की फुहारों का, ताकि उन्हे तेज धूप और भीषण गर्मी से राहत मिल सके। हालाकि मौसम विभाग के अनुसार इस बार कुछ दिन के लिए बारिश का इतजार करना होगा। वहीं जब तक बारिश नहीं होती, लोगों को भगवान सूर्यदेव का प्रकोप झेलना होगा।
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तेज धूप के बीच राहत देती है ठण्डी हवायें
मौसम के बदल रहे मिजाज का आलम यह है कि तेज धूप के बीच ठण्डी हवायें भी लोगों को सुकून दे जाती है। हालाकि दोपहर में लू से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों का मानना है कि ठण्डी हवायें चलती है, तो बारिश की उम्मीद कम ही रहती है। जब हवा थमती है तब बारिश की सम्भावना अधिक रहती है।
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पिछले साल समय पर आया था मानसून
पिछले साल मानसून ने 15 जून तक अपनी दस्तक दे दी थी और 20 जून तक जिले के कई इलाकों में बुवाई लायक पानी हो गया था। यही वजह है कि किसानों ने खरीफ की बुवाई शुरू कर दी थी। इस बार किसानों को अच्छी बारिश का इंतजार है।
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अच्छी बारिश से मिलेगी गर्मी से राहत
मौजूदा समय में तेज धूप और गर्मी से लोग बेहाल हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि जुलाई की शुरूआत में अच्छी बारिश के बाद ही लोगों को गर्मी से राहत मिल पायेगी। वहीं सूर्यदेव के तेवर भी नरम पड़ जायेंगे। तब तक लोगों को इंतजार करना होगा।
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गर्मी से पशु पक्षी भी बेहाल
भीषण गर्मी व तेज धूप से इसान ही नहीं पशु पक्षी भी बेहाल है। सबसे ज्यादा समस्या पेयजल की हो रही है। इसान ही नहीं पशु पक्षियों को भी प्यास बुझाने के लाले पड़े हुए है। पिछड़े व पठारी इलाकों में जल स्रोत सूखे पड़े है और हैण्डपम्पों का जलस्तर नीचे चला गया है। ऐसे में गर्मी किसी प्रकार कड़ी मशक्कत कर पानी का इंतजाम कर पा रहे है। गाँव से लेकर शहर तक लोग पेयजल के लिए परेशान है।