'देवरान' जनपद का पहला 'स्वस्थ्य गाँव - खुशहाल गाँव' घोषित
ललितपुर ब्यूरो: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य सूचकाकों में सुधार लाने के लिए चलाए
ललितपुर ब्यूरो:
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत स्वास्थ्य सूचकाकों में सुधार लाने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों के क्रम में विकास खण्ड बार के ग्राम देवरान को वर्ष 2017-18 का जनपद का पहला 'स्वस्थ्य गाँव - खुशहाल गाँव' घोषित किया गया है। देवरान गाँव में स्वास्थ्य के निर्धारित पाँच मानकों पर 90 प्रतिशत से अधिक उपलब्धि प्राप्त की गई है, जिसके लिए ग्राम प्रधान को 50 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
एनएचएम के तहत एक मुहिम चलाई जा रही है, जिसके तहत उस गाँव को लिया जाना है, जो स्वास्थ्य के मानदण्डो की शर्तो को पूरा करने में खरा उतरेगा, उसे 'स्वस्थ्य गाँव - खुशहाल गाँव' घोषित किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक जिले में दो गाँव लिए गए है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रदेश में 1000 गाँव को 'स्वस्थ्य गाँव - खुशहाल गाँव' घोषित करने का लक्ष्य रखा गया, जिसमें बार विकासखण्ड के गाँव देवरान ने भी सहभागिता जताई। देवरान गाँव की आबादी 7000 के आसपास है, वहीं लगभग 4000 घर हैं। गाँव में एक एएनएम सहित पाँच आशा कार्यकत्रिया स्वास्थ्य उपकेन्द्र में कार्यरत है। एएनएम सोमलीना का कहना है कि इस गाँव शून्य से पाच वर्ष तक के बच्चों की संख्या 566 है। इसके अलावा 170 के करीब गर्भवती महिलाएं तथा 40 धात्री महिलाएं है, उनके टीकाकरण की स्थिति 95 फीसद है। संस्थागत प्रसव भी 90 फीसद किए जाते है। गर्भवती महिलाओं को नियमित जाँच की सलाह दी जाती है। स्वास्थ्य व स्वच्छता के लिए जागरुक किया जाता है। प्रत्येक शनिवार और सोमवार को गर्भवती और धात्री महिलाएं जाँच के लिए स्वयं स्वास्थ्य केन्द्र आती है और अपने बच्चों का टीकाकरण भी कराती है, उनको खानपान की भी समुचित सलाह दी जाती है। ब्लॉक कम्युनिटी प्रोसेस मैनेजर जितेन्द्र तिवारी, एएनएम, आशा एवं ग्राम प्रधान के संयुक्त प्रयासों से देवरान गाँंव को जनपद में प्रथम स्वस्थ्य गाँव, खुशहाल गाँव घोषित किया गया है।
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बाक्स में,
यह है मानदण्ड
- 90 प्रतिशत गर्भवती महिला का 3 माह के अन्दर पंजीकरण कराया गया हो।
-90 प्रतिशत गर्भवती महिला का प्रसव पूर्व देखभाल में 4 जाँचें तथा टिटनेस की दो टीके साथ ही आयरन की कम से कम 100 की गोलिया दी गई हों।
- 90 प्रतिशत संस्थागत प्रसव कराया गया हो।
- 90 प्रतिशत नवजात शिशु पंजीकरण कराया गया हो।
- 90 प्रतिशत 0-2 वर्ष तक के बच्चे का पूर्ण टीकाकरण कराया गया हो।