भाडे़ के लिये भटक रहे है वाहन मालिक
महरौनी (ललितपुर) : शासन द्वारा किसानों का गेहूँ खरीदने के लिए जगह-जगह गेहूँ क्रय केन्द्र संचालित
महरौनी (ललितपुर) :
शासन द्वारा किसानों का गेहूँ खरीदने के लिए जगह-जगह गेहूँ क्रय केन्द्र संचालित किये गये। हालाकि वर्तमान में इन केन्द्रों पर भारी अनियमिततायें बरती जा रही हैं। इन केन्द्रों पर किसानों द्वारा केन्द्र संचालक की मनमानी के आरोप लगते आ रहे थे, लेकिन अब खरीद के गेहूँ को जिला मुख्यालय तक ले जाने वाले वाहन मालिकों को भी प्रताड़ित किये जाने का मामला सामने आया है।
महरौनी निवासी सत्येन्द्र जैन पुत्र सुरेश जैन ने जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर बताया कि वह सैदपुर साधन सहकारी समिति से जिला मुख्यालय तक अपने ट्रक से गेहूँ ले जाने का काम करता है। शासन द्वारा 65 रुपये प्रति क्विण्टल भाड़ा निर्धारित किया गया है, जबकि केन्द्र संचालक द्वारा 45 रुपये प्रति कुन्तल के हिसाब से भाड़ा दिया जा रहा हैं। इस कारण उसे व अन्य वाहन मालिकों को भारी नुकसान हो रहा हैं। साथ ही समय से भुगतान भी नहीं किया जा रहा है। आरोप है कि संचालक द्वारा जो चेक दिया गया है, वह भी बाउन्स हो रहे हैं। वाहन स्वामी ने बताया कि 27 मई को 160 क्विण्टल गेहूँ लेकर जिला मुख्यालय आया था। 12 दिन बीत जाने के बाद भी पीसीएफ गोदाम में खाली नहीं हो सका। पीसीएफ द्वारा यह गेहूँ मानक के अनुरूप नहीं पाया गया। बावजूद इसके केन्द्र संचालक द्वारा फर्जी कागज तैयार करके उसी माल से लदे ट्रक को पुन: लाइन लगवा दिया गया। 52 क्विण्टल माल उतारने के बाद शेष माल को पीसीएफ ने वापस कर दिया। केन्द्र संचालक नहीं माना और उसने तीसरी बार उसी माल से लदे ट्रक को फिर लाइन मे लगवा दिया। वाहन मालिक पिछले 12 दिन से बुरी तरह परेशान हैं, क्योंकि केन्द्र संचालक खराब गेहूँ को वापस लेने की जगह ट्रक को पुन: लाइन मे लगाने की बात कह रहा है। ट्रक मालिक को समझ मे नहीं आ रहा हैं कि वह क्या करे? क्योंकि उसको हॉल्ट के सिर्फ एक हजार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिये जा रहे हैं, जिसमें उसका खर्चा ही नहीं निकलता। यह मामला सिर्फ एक ट्रक का नहीं है, बल्कि अन्य ट्रक मालिक भी परेशान घूम रहे है। जो माल पीसीएफ में खाली हो चुका है उसका भुगतान जिस चैक से किया गया है वह भी बाउन्स हो गया हैं। इस स्थिति में लाखों का भुगतान लेने के लिये ट्रक मालिक केन्द्र संचालक के चक्कर काटने पड़ रहे है।
पीड़ित ने जिलाधिकारी से जल्द केन्द्र संचालक पर चल रही मनमानी पर रोक लगाये जाने व उसका भुगतान करवाये जाने की माँग की है।