डीएम ने देखी पेयजल की हकीकत, अधिकारियों को फटकारा
ललितपुर ब्यूरो : शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की हकीकत जानने जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने 4 जून को
ललितपुर ब्यूरो : शहर की पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की हकीकत जानने जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने 4 जून को आधा दर्जन मुहल्लों का निरीक्षण किया। इस दौरान सिविल लाइन गुरुनानक धर्मशाला के सामने 3 दिन से खाली टैकर खड़ा मिला। नेहरू नगर में पानी के खाली बर्तन लेकर महिलायें टैकर का इतजार करती मिलीं। उन्होंने सिद्दन पम्प हाऊस का निरीक्षण कर पेयजल आपूर्ति सिस्टम देखा। वहीं लैण्डियापुरा में पानी की टकी के पास कई दिनों से बाल्व से पानी बर्बाद हो रहा था। जिलाधिकारी ने पेयजल आपूर्ति व्यवस्था में लापरवाही पर जल संस्थान के अफसरों को जमकर फटकार भी लगाई।
जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने पेयजल समस्याग्रस्त मुहल्लों का चिह्नाँकन कर नियमित रूप से पानी के टैकर भेजने की व्यवस्था कराई, लेकिन जल संस्थान चिह्नित स्थानों पर टैकर भेजने में नाकाम रहा। शहर के कई मुहल्लों में पानी का संकट खड़ा हो गया। जल संस्थान द्वारा की जा रही पेयजलापूर्ति व्यवस्था की हकीकत जानने के मकसद से जिलाधिकारी मानवेन्द्र सिंह ने एक बार फिर शहर का भ्रमण किया और लोगों से चर्चा की। इस दौरान अधिकाँश स्थानों पर लोगों ने पेयजल आपूर्ति और टैकर व्यवस्था गड़बड़ाने की बात कही। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने शहर के सबसे पॉश क्षेत्रों में शामिल सिविल लाइन गुरुनानक धर्मशाला के सामने वाली गली का निरीक्षण किया, जहाँ घर-घर जाकर लोगों से पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की जानकारी ली।
डॉ. प्रबल सक्सेना व अन्य ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि नलों से पानी एक-दो दिन में बहुत कम समय के लिये आता है और उसमें भी प्रेशर नहीं रहता, जिसके चलते पीने का पानी का संकट खड़ा हो गया है। जल संस्थान के अधिकारियों को कई बार लिखित व मौखिक सूचना दी गई लेकिन ध्यान नहीं दिय गया। इतना ही नहीं मुहल्ले में जल संस्थान का खाली टैकर 3-4 दिन से खड़ा मिला, जिसे देख जिलाधिकारी ने एक्सईएन समेत दोनों अभियंताओं को कड़ी फटकार लगाते हुये टैकर नहीं हटाने का कारण पूछा तो जल संस्थान के अफसर बगलें झाँकने लगे। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने से खफा जिलाधिकारी ने दोनों एंजिनियर्स को निलम्बित करने तक के निर्देश दे दिये। जिलाधिकारी ने नेहरू नगर पहुचकर पेयजल आपूर्ति का जायजा लिया। प्राथमिक विद्यालय के पास बड़ी संख्या में महिला व पुरुष पानी के खाली बर्तन और ड्रम रखकर पानी के टैकर का इतजार कर रहे थे। जिलाधिकारी ने मुहल्लेवासियों से पेयजल और टैकर के बारे में जानकारी ली। महिलाओं ने बताया कि टैंकर नियमित रूप से नहीं आते और टैकर आने का समय भी निर्धारित नहीं है। टैकर के इतजार में दिन भर बैठना पड़ता है। जिलाधिकारी ने एक्सइएन जल संस्थान को टैंकर्सं की आपूर्ति का समय निर्धारित करते हुये टैकर्सं की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये।
जिलाधिकारी ने सिद्दन मुहल्ला में संचालित पम्प हाऊस का निरीक्षण कर पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की जानकारी ली। वहीं मोटर फुँकने का कारण भी जाना। उन्होंने चण्डी माता मन्दिर के पीछे पेयजल आपूर्ति की जानकारी ली। उन्होंने मुहल्ला लैण्डियापुरा में पानी की टकी का निरीक्षण किया, जहाँ एक बाल्व से पानी बहर नाली में बह रहा था। बाल्व को बड़े पत्थर से ढंक दिया गया था, ताकि किसी को दिखाई न दे, लेकिन जिलाधिकारी की नजर बहते पानी पर पड़ गई और उन्होंने पत्थर हटवाया तो देखा की बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद हो रहा है। मुहल्लेवासियों ने बताया कि दो माह से पानी बह रहा है, जिसे सही नहीं किया गया। जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुये पानी की बर्बादी को रोकने के आदेश दिये। जिलाधिकारी ने सुम्मेरा तालाब का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उप जिलाधिकारी सदर महेश प्रसाद दीक्षित, अधिशासी अभियंता जल संस्थान केपी सिंह के अलावा जल संस्थान के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे।
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अवैध नल कनेक्शन की शिकायत पर दिये सर्वे के निर्देश
नेहरू नगर भ्रमण के दौरान प्राथमिक विद्यालय के पास जिलाधिकारी ने लोगों से चर्चा की और पेयजल आपूर्ति के बारे में जानकारी ली। एक युवक दुर्गेश ने बताया कि अस्पताल के पीछे गली नम्बर 1 में 1 माह से पेयजल संकट है। उन्होंने बताया कि उनका बिल नियमित रूप से आ रहा है जबकि नलों से पानी नहीं आता। उन्होंने अवैध नल कनेक्शन के बारे भी बताया। इस पर नाराजगी जताते हुये जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देशित किया कि नेहरू नगर का सर्वे कराकर वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाय।
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अमृत योजना पर फोड़ा ठीकरा
जिलाधिकारी ने गुरुनानक धर्मशाला के सामने वाली गली में पेयजल व्यवस्था की जानकारी ली तो पाया कि पानी की जबरदस्त किल्लत है। इस पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारियों से जवाब तलब किया तो उन्होंने बताया कि कोई आइडिया नहीं है। जूनियर एंजिनियर ने पेयजल समस्या के लिये अमृत योजना पर ठीकरा फोड़ते हुये कहा कि योजना के तहत अत्यधिक कनेक्शन हो गये है, जिसके चलते पेयजल आपूर्ति व्यवस्था गड़बड़ा रही है। हालाँकि वह अमृत योजना के कनेक्शन की संख्या जिलाधिकारी को नहीं बता सके।