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भीषण पेयजल किल्लत से जूझ रहा वन महकमा

ललितपुर ब्यूरो : प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े वन विभाग कार्यालय जायें तो अपने साथ पानी लेकर ही जायें,

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 May 2018 11:56 PM (IST)Updated: Thu, 31 May 2018 11:56 PM (IST)
भीषण पेयजल किल्लत से जूझ रहा वन महकमा
भीषण पेयजल किल्लत से जूझ रहा वन महकमा

ललितपुर ब्यूरो : प्रकृति और पर्यावरण से जुड़े वन विभाग कार्यालय जायें तो अपने साथ पानी लेकर ही जायें, क्योंकि यहाँ पेयजल का कोई इन्तजाम नहीं है। यहाँ कुछ वर्ष पूर्व लगाया गया वाटर कूलर खराब पड़ा हुआ है। वहीं पूरे कार्यालय परिसर में कहीं भी पेयजल के लिए पानी का इन्तजाम नहीं किया गया है। और तो और डीएफओ कार्यालय में भी पानी नहीं है। ऐसे में कार्यालय कर्मियों के साथ-साथ आगन्तुक भी इस भीषण गर्मी में पेयजल के लिए दर-दर भटकते रहते है, जिससे उन्हे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

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वन विभाग कार्यालय परिसर में बन्दोबस्त कोर्ट केस कार्यालय के बाहर कुछ वर्षाे पूर्व वॉटर कूलर लगाया गया था, इससे न केवल कार्यालय के कर्मियों बल्कि आगन्तुकों को भी शुद्ध व ठण्डा पेयजल हमेशा मिलता था। लगभग एक वर्ष पूर्व यह वॉटर कूलर खराब हो गया। साथ ही टकी की सफाई भी नहीं की गई, जिससे इसमें गन्दा पानी आने लगा। फलस्वरूप कर्मियों ने इसका उपयोग करना बन्द कर दिया। यह वॉटर कूलर एक महीने से अधिक समय से खराब पड़ा है। बदहाली के कारण इसमें गन्दगी भर गई और मकड़ी के जाले लग गये हैं। वॉटर कूलर खराब हो जाने के कारण वन विभाग कार्यालय के लगभग दो दर्जन से अधिक कर्मचारियों व अफसरों तथा वन कर्मियों को प्यास बुझाने के लाले पड़ गये। स्पष्ट है कि पानी खरीदकर प्यास बुझाने का इतजाम स्वत: ही कर लिया। यह तो इतजाम हुआ वन कर्मचारियों और अधिकारियों का, लेकिन यहाँ आने वाले आगन्तुकों को प्यास बुझाने के लाले पड़े हुए है। इस भीषण गर्मी में जब उनका कण्ठ सूख जाता है, तब वे पानी के लिए दर-दर भटकते है। यही हाल वन कर्मचारियों का भी है। वे सामने जिलाधिकारी आवास में लगे वाटर कूलर से भी पानी लाकर पीते है। कुल मिलाकर वन विभाग कार्यालय में इस समय भीषण पेयजल किल्लत मची हुई है, जिससे कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से निजात पाने के लिए कई वनकर्मियों ने तो अब वाटर कैम्पर का पानी खरीदकर उपयोग करना शुरू कर दिया है। इस ठण्डे और शुद्ध जल को अब 'कड़ी सुरक्षा' में तालाबंदी कर भी रखा जाने लगा है। इस सम्बन्ध में कई बार वनकर्मियों ने विभागीय उच्चाधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराया, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। फलस्वरूप, यह समस्या दिन प्रतिदिन विकराल रूप धारण करती जा रही है, जिससे वनकर्मियों में रोष है। सबसे ज्यादा महिला कर्मियों को परेशानी हो रही है।

इस सम्बन्ध में जब डीएफओ गोविन्द शरण से बात करने का प्रयास किया गया, तो सम्पर्क नहीं हो सका।

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ललितपुर रेज कार्यालय में भी मटका का सहारा

डीएफओ कार्यालय के पीछे ललितपुर रेज कार्यालय स्थित है। यहा के मटके के पानी से किसी प्रकार कर्मचारी प्यास बुझाते है। इस भीषण गर्मी में गरम पानी से उनकी प्यास नही बुझती, इसके बावजूद वे यह गरम पानी पीने को मजबूर है। यहा भी वॉटर कूलर की दरकार है।

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महिला कर्मियों को होती परेशानी

वन विभाग में आधा दर्जन महिला कर्मचारी है। पेयजल किल्लत के चलते उन्हे भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में अधिकाश महिला कर्मचारी अपने घर से ही पानी लाती है।

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बजट का अभाव बता कर पल्ला झाड़ते अफसर

जब भी कार्यालय में पेयजल किल्लत की समस्या को दूर करने के लिए वाटर कूलर लगवाये जाने की बात कही जाती है। तब-तब आलाधिकारी बजट का अभाव होने की बात कह अपना पल्ला झाड़ लेते है। शासन से बजट आता भी है, लेकिन उसे अन्य कामों पर खर्च कर दिया जाता है। पेयजल समस्या की ओर ध्यान ही नहीं दिया जाता। कुल मिलाकर अफसर मौन बने हुए है।


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