दो माह बाद महिला और बच्ची को मिला अपना परिवार
नाराज होकर बची के साथ घर से निकली थी महिला
लखीमपुर: सखी वन स्टॉप सेंटर पर पिछले दो माह से रह रही छत्तीसगढ़ राज्य की महिला व उसकी पुत्री का पुनर्वासन सोमवार को किया गया। दो माह बाद महिला और बच्ची को अपना परिवार मिला। दर-दर भटक रही महिला को एक समाजसेवी के जरिए संरक्षण मिला था।
शहर के समाजसेवी मोहन वाजपेयी कोरोना काल में जरूरतमंदों को खाना का वितरण कर रहे थे। इस दौरान उन्हें सड़क किनारे बैठी रोती हुई महिला मिली। जिसे उन्होंने वन स्टॉप सेंटर तक पहुंचाया। यह महिला छत्तीसगढ़ बिलासपुर जिले की रहने वाली है। परिवारीजनों से गुस्सा होकर अपनी बेटी के साथ घर से हरिद्वार चली आई थी। हरिद्वार में उसे लखीमपुर की एक महिला मिली और वह उसे काम दिलाने के बहाने यहां ले आई लेकिन, इसी दौरान लॉकडाउन शुरू हो गया और यह महिला यहीं फंस गई। महिला पूछताछ के दौरान शहर में उस महिला के साथ कहां रही उसका पता नहीं बता पा रही है। वन स्टॉप सेंटर ने महिला द्वारा बताए गए पते के आधार पर परिवारीजनों को खोज निकाला। सोमवार को महिला का भाई छत्तीसगढ़ से लखीमपुर आया था। जिसे महिला और बच्ची को सौंप दिया गया। यह जानकारी जिला प्रोबेशन अधिकारी संजय निगम ने दी है।