बुखार ने ले ली 22 की जान मगर जिम्मेदार अंजान
लखीमपुर: जिले में साधारण बुखार ही नहीं एईएस जैसा बुखार भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग
लखीमपुर: जिले में साधारण बुखार ही नहीं एईएस जैसा बुखार भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों से लगाकर जिला मुख्यालय तक बुखार से बीमार बच्चे अस्पताल में भर्ती हैं। वहीं जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भी बुधवार को छह रोगी भर्ती मिले। इसमें से चार नए रोगी थे। जबकि आइसीयू में एईएस के चार नए रोगी भर्ती हुए। हैरत यह कि इस संवेदनशील मामले में सूबे के स्वास्थ्य प्रमुख डॉ. पदमाकर ¨सह ने जिले का दौरा भी किया लेकिन 22 मौतों के पीछे कौन जिम्मेदार है, इस बात का पता नहीं लगा पाए। अब तक किसी पर कार्रवाई तो दूर कोई जांच तक नहीं कराई गई।
जिले में साधारण बुखार से हुई मौतों की बात करें तो अब तक 22 मौतें हो चुकी हैं। सरकारी अस्पतालों में सभी 14 सामुदायिक और 59 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर बुखार से पीड़ित बच्चे भर्ती हैं। इसके अलावा एईएस से अब तक तीन और जापानी इंसेफेलाइटिस से एक मौत हो चुकी है। सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल कहते हैं कि जिले में साधारण बुखार से निपटने के लिए अस्पतालों में दवाई पर्याप्त है। करीब पांच हजार पैरासिटामोल रोज बांटी जा रही है। इसके अलावा अन्य दूसरी एंटीबायोटिक भी जिला अस्पताल में मौजूद हैं। तेज बुखार से पीड़ित बच्चे हर रोज जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में भर्ती किए जा रहे हैं। सीएमओ का कहना है कि बुखार का एकमात्र कारण लापरवाही है, बदलते मौसम में बच्चे कभी धूप से कभी बाहर धूप से आकर अचानक पानी पीने से शरीर का तापमान गड़बड़ा जाता है जिसके कारण बच्चे बीमार हो रहे हैं। इसके अलावा बाहर बिकने वाले खाद्य पदार्थ भी इसमें एक बड़ा कारण है।