फर्जीवाड़ा में दो लेखपाल निलंबित, की थी फर्जी वरासत
संवादसूत्र धौरहरा (लखीमपुर) फर्जी और गैरकानूनी तरीके से वरासत करने के आरोप में एसडीएम ने दो लेखपालो को निलंबित कर दिया।
लखीमपुर : फर्जी और गैरकानूनी तरीके से वरासत करने के आरोप में एसडीएम ने दो लेखपालों को निलंबित कर दिया। निलंबन की यह कार्रवाई तहसीलदार के स्तर पर जांच पूरी होने के बाद की गई। तहसील क्षेत्र के ग्राम वीरसिंहपुर के लेखपाल यशपाल के खिलाफ फर्जी वरासत करने की शिकायत थी। आरोप है कि लेखपाल ने गांव के खातेदार मुन्नू पुत्र ओरी की जमीन की वरासत एक महिला के नाम कर दी। जांच में पाया गया कि मुन्नू की मौत बीस साल पहले हुई थी। वह अविवाहित था और उसके परिवार का कोई सदस्य मौजूद नहीं है। इसके अलावा वह सोनार जाति का था। जिस महिला के नाम वरासत की गई वह कायस्थ जाति की है। मुन्नू के परिवार से उसका दूर का भी रिश्ता नहीं है। तहसीलदार की जांच पूरी होने पर नोटिस व स्पष्टीकरण के बाद एसडीएम एस सुधाकरन ने यशपाल को निलंबित कर दिया। दूसरा मामला रुद्रपुर सालिम परगना फिरोजाबाद के लेखपाल सत्यपाल कनौजिया का है। आरोप है कि कनौजिया ने गांव के रामकुमार पुत्र बैजनाथ की मृत्यु के बाद वरासत के मामले में रिपोर्ट दी कि रामकुमार की पत्नी सुखदेई व पुत्र रामजीवन के बीच विवाद है। इसी आधार पर लेखपाल ने खुद तहसीलदार के न्यायालय में मुकदमा दर्ज कराया। इसके कुछ महीने बाद ही लेखपाल ने गैर कानूनी तरीके से रामकुमार की जमीन की वरासत सुखदेई उर्फ रामरानी के नाम दर्ज कर दी। नाम में अंतर और खुद की ही पिछली रिपोर्ट के आधार पर लेखपाल की गर्दन जांच के फंदे मे फंस गई। इस मामले मे भी तहसीलदार से जांच कराने के बाद एसडीएम ने लेखपाल को निलंबित कर दिया है। एसडीएम सुधाकरन ने बताया कि दोनों क्षेत्र के राजस्व निरीक्षकों को भी लचर पर्यवेक्षण का दोषी मानते हुए नोटिस दी गई है।