दुधवा में पर्यटकों को परोसा गया थारूओं का आदिवासी भोजन
दुधवा टाइगर रिजर्व में भ्रमण करने आने वाले सैलानियों के लिए थारू थाली भोजन की शुरुआत कर दी गई।
लखीमपुर : दुधवा टाइगर रिजर्व में भ्रमण करने आने वाले सैलानियों के लिए थारू थाली भोजन की शुरुआत कर दी गई। पहले दिन थारू थाली में पर्यटकों को थारू आदिवासियों के लजीज व्यंजन परोसे गए। इसमें मक्के की रोटी, खीर, अरहर की मसालेदार दाल, सादा चावल के साथ साथ सब्जी के रुप में पकौड़ी शामिल थी। खाना बनाने की जिम्मेदारी बलेरा महिला ईको समिति की प्रमुख राजकुमारी व उनके सहयोगियों ने निभाई। शनिवार को शुभारंभ के अवसर पर उपनिदेशक मनोज सोनकर ने पर्यटकों के साथ बैठकर खाने का आनंद लिया। उन्होंने बताया कि दुधवा आने वाले पर्यटकों को थारू संस्कृति से परिचित कराने के लिए उन्हें थारूओं का भोजन परोसने की शुरुआत की गई है। इससे पर्यटक थारूओं के खानपान व उनके रहन सहन के साथ उनकी प्रतिबद्धताओं की जानकारी कर पाएंगे। इस लिहाज से सैलानियों को एक विशिष्ट खाना मिल सकेगा और थारू समुदाय को रोजगार के साथ लोगों से मिलने जुलने का अवसर प्राप्त होगा। उन्होंने बताया कि थाली का मूल्य 200 से 250 के बीच रखा गया है। इसके अलावा यदि कोई पर्यटक कुछ विशेष डिश की मांग करेगा को उसे उसका अतिरिक्त भुगतान करना होगा। पहले दिन 14 पर्यटकों को थारू थाली का भोजन परोसा गया। खाना परोसने में पर्यावरण का रहेगा ख्याल
थारू थाली का खाना परोसने में पर्यावरण का भी खास ख्याल रखा जाएगा। खाना पत्तल व दोने में दिया जाएगा या फिर केले के पत्ते पर भोजन परोसा जाएगा। इससे पार्क में प्लास्टिक का कचरा उत्पन्न नहीं होगा और जो कचरा होगा वह मिट्टी में मिलकर सड़ जाएगा।
थारू थाली में पर्यटकों को केवल शाकाहारी भोजन दिया जाएगा। मांसाहारी भोजन के लिए अभी पार्क प्रशासन ने कोई व्यवस्था नहीं की है। हालांकि थारूओं के भोजन में मांसाहारी भोजन की प्रमुखता होती है। खासकर मछली उनका प्रिय भोजन है।