सुबह दस बजे के बाद नहीं है लखनऊ के लिए रोडवेज बस
स ऑपरेटर्स इस दिशा में नई नई बस सेवाओं का संचालन करने में लगे हैं वहीं उप्र परिवहन निगम यात्री सुविधाओं का ध्यान नहीं रख रहा। निगम द्वारा अब तक यहां पर स्थाई बस स्टैंड स्थापित नहीं किया जा सका है। ऐसे में बसें बेतरतीब ढंग से खड़ी रहती है। इतना ही नहीं यहां पर बना कार्यालय भी अक्सर बंद रहता है। इस वजह से यात्रियों को लंबी दूरी की बसों का इंतजार घंटों यहां बैठकर करना पड़ता है। इतना ही नहीं लखनऊ, सीतापुर के लिए केवल सुबह दस बजे तक तीन बसें संचालित की जाती हैं इसके बाद पूरा दिन इस रुट की बसें ही नहीं है। जिस वजह से यात्रियों को टुकड़ों में यह यात्रा अधिक पैसा खर्च कर पूरी करनी पड़ती है। उधर प्राइवेट बस ऑपरेटर्स द्वारा सुबह और फिर दोपहर में एक-एक बस लखनऊ के लिए संचालित की जा रही है जिससे यात्रियों को थोड़ी सहूलियत मिलती है।
लखीमपुर: पलिया से ट्रेनों का संचालन सीमित कर दिए जाने के बाद से यात्रियों को कहीं जाने के लिए यातायात सुविधा के नाम पर केवल बसों का ही सहारा है। जहां एक तरफ प्राइवेट बस संचालक इस दिशा में नई-नई बस सेवाओं का संचालन करने में लगे हैं, वहीं उप्र परिवहन निगम यात्री सुविधाओं का ध्यान नहीं रख रहा। निगम द्वारा अब तक यहां पर स्थाई बस स्टैंड स्थापित नहीं किया जा सका है। ऐसे में बसें बेतरतीब ढंग से खड़ी रहती है। इतना ही नहीं यहां पर बना कार्यालय भी अक्सर बंद रहता है। इस वजह से यात्रियों को लंबी दूरी की बसों का इंतजार घंटों यहां बैठकर करना पड़ता है। इतना ही नहीं लखनऊ, सीतापुर के लिए केवल सुबह दस बजे तक तीन बसें संचालित की जाती हैं इसके बाद पूरा दिन इस रूट की बसें ही नहीं हैं। जिस वजह से यात्रियों को टुकड़ों में यह यात्रा अधिक पैसा खर्च कर पूरी करनी पड़ती है। उधर प्राइवेट बस संचालक द्वारा सुबह और फिर दोपहर में एक-एक बस लखनऊ के लिए संचालित की जा रही है, जिससे यात्रियों को थोड़ी सहूलियत मिलती है।