Lakhimpur: ग्रामीणों के लिए राहत भरी खबर, एक महीने से आतंक फैलाए बाघिन को वन विभाग की टीम ने पकड़ा
कई दिनों से पलिया क्षेत्र में आतंक मचाये बाघ को वन विभाग ने आज सुबह पकड़ लिया। बाघ गन्ने के खेत मे छिप गया था। वन विभाग की टीम ने गन्ने के खेत को घेर लिया। इसके बाद चारों ओर जाल लगाकर हांका लगाया तो बाघ जाल में फंस गया।
लखीमपुर, जागरण संवाददाता। करीब एक माह से आधा दर्जन गांवों में आतंक का पर्याय बने व एक बालक को निवाला बना चुके बाघिन को वन विभाग ने आज पकड़ लिया। उसे लगभग आठ बजे डा. दया ने ट्रेंकुलाइज किया। उसके बाद उसे ग्रामीणों के सहयोग से पिजड़े में बंदकर गाड़ी से रेंज कार्यालय ले जाया गया। यहां पर उसकी जांच की जाएगी और यदि वह स्वस्थ हुई तो उसे दुधवा जंगल मे छोड़ा जाएगा।
ग्राम निबुआबोझ निवासी आविद अली के पुत्र जसीम को निवाला बना चुकी बाघिन पिछले कई दिनों से क्षेत्र में घूम रही थी। उसे पकड़ने के लिए वन विभाग की टीम लगी हुई थी पर वह सबको चकमा देकर निकल जाती थी। मंगलवार को बाघिन ने नगला गांव के पास एक गाय पर हमला किया पर गाय बच गई। इस दौरान तमाम ग्रामीण मौके पर जमा हो गए और शोर शराबा मचाया तो बाघिन रामेश्वर तिवारी के गन्ने के खेत में घुस गई।
इसके बाद ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचना दी। जिस पर बाघिन को पकड़ने के लिए कांबिंग कर रही टीम ने उस गन्ने के खेत को घेर लिया। ट्रेंकुलाइज टीम को भी तैयार रहने को कहा गया। इसके बाद ग्रामीणों के सहयोग व हाथियों के जरिए बाघिन को ट्रेस करने का प्रयास किया गया। कुछ देर में ही बाघिन गन्ने के खेत में एक जगह पर बैठी दिखाई पड़ी।
इसके बाद ट्रेंकुलाइज टीम के डा. दया ने उसे डाट मारी जो उसे लग गई। इस समय सुबह के आठ बजे थे। करीब एक घंटे तक इंतजार करने के बाद जब बाघिन ने कोई हलचल नहीं की तो ग्रामीणों के सहयोग से उसके ऊपर जाल डालकर पकड़ लिया गया और उसे पिजड़े में कैद कर ट्रैक्टर ट्राली के जरिए दुधवा मुक्यालय लाया गया लेकिन वहां से बाघिन को बफरजोन के रेंज कार्यालय भेज दिया गया। बाघिन अभी रेंज कार्यालय में मौजूद है। यहां पर उसका मेडिकल परीक्षण किया जाएगा। परीक्षण में उसके स्वस्थ मिलने पर उसे दुधवा के जंगल में छोड़ दिया जाएगा।
बाघ की जगह पर निकली बाघिन : मंगलवार को सुबह ट्रेंकुलाइज करके जिस बाघ को पकड़ने का दावा किया गया था वह जांच में बाघिन निकली। जबकि पिछले 10 नवंबर से वन विभाग उसे बाघ बता रहा था। आज सुबह भी उसे बाघ ही बताया गया था लेकिन बेहोश करने के बाद जब उसकी जांच की गई तो वह बाघिन निकली।
साढ़े तीन साल की है बाघिन : बफरजोन के डीडी डा. सुंदरेश ने बताया कि पकड़ी गई बाघिन की उम्र लगभग साढ़े तीन साल है। वह काफी युवा और ताकतवर है। देखने से तो वह स्वस्थ लग रही है लेकिन मेडिकल जांच के बाद ही पता चलेगा कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है या नहीं।
क्या कहते हैं जिम्मेदार : बफरजोन के डीडी डा. सुंदरेश ने बताया कि आज सुबह वन विभाग की टीम ने ट्रेंकुलाइज करके बाघिन को पकड़ा है। पहले इसे बाघ बताया जा रहा था। उन्होंने बताया कि कैमरा ट्रैप में जिस वन्यजीव का फोटो आया था उसका इससे मिलान किया जाएगा तब पता चलेगा कि वास्तव में यह वही बाघिन है जिसने जसीम को निवाला बनाया था।
उधर रेंजर रमेश कुमार का कहना है कि पकड़ी गई बाघिन ने ही जसीम को मारा था क्योंकि यही बाघिन पिछले कई दिनों से इस इलाके में घूम रही थी और बार बार इसी की लोकेशन मिल रही थी। इलाके में मिले पगचिन्ह भी इसी बाघिन के हैं।