ईद के एक दिन पहले डूब गया घर का 'चांद'
शंकर चक्रवर्ती ढखेरवा (लखीमपुर) थाना निघासन के गांव रायपुर का मेराज घर पर ईद मनाने के लिए तीन दिन पहले ही नेपाल से आया था। वह नेपाल में ईंट भट्ठे पर काम करता था। उसके पिता मुशेर अली बताते हैं कि बेटा पांच महीने बाद घर लौटा था। चूंकि वह प्रोफेशनल ड्राइवर भी था सो गांव के रहमत अली की बोलेरो गाड़ी की बुकिग पुलिस टीम लेकर गाजियाबाद जाने के लिए हुई तो उन्होंने मेराज को ड्राइवर बनाकर भेज दिया।
लखीमपुर: थाना निघासन के गांव रायपुर का निवासी मेराज घर पर ईद मनाने के लिए तीन दिन पहले ही नेपाल से आया था। वह नेपाल में ईंट भट्ठे पर काम करता था। उसके पिता मुशेर अली बताते हैं कि बेटा पांच महीने बाद घर लौटा था। चूंकि वह पेशेवर ड्राइवर भी था जो गांव के रहमत अली की बोलेरो की बुकिग पुलिस टीम लेकर गाजियाबाद जाने के लिए हुई तो उन्होंने मेराज को ड्राइवर बनाकर भेज दिया।
सोमवार को ईद है, इसलिए मेराज भी यह सोचकर चला गया कि त्योहार के मौके पर कुछ और पैसे हाथ आएंगे तो परिवार की खुशियों में इजाफा होगा। मेराज का परिवार बेहद गरीब है। पूरा परिवार मजदूरी के दम से ही पेट भरता है लेकिन, समय की क्रूर योजना तो कुछ और ही थी। गाजियाबाद से पुलिस टीम और प्रेमी युगल को लेकर लौट रहे मेराज की गाड़ी हापुड़ के सिम्भावली में दुर्घटना की शिकार हो गई। मौके पर मौत का शिकार बने तीन लोगों में एक मेराज भी था।
रविवार की सुबह यह खबर मेराज के परिवार पर बिजली गिरने की तरह थी। अब्बू के साथ ईद मनाने की बच्चों सुहाना (10), रिहान (6), सिराज (8) और रियाज (4) की खुशी पलक झपकते ही गम में बदल चुकी थी। पत्नी शबनम, पिता मुशेर सहित पूरे परिवार का बिलखना देख गांव भी रो पड़ा। ईद के एक दिन पहले इस परिवार का चांद हमेशा के लिए डूब गया।