एसपी ने बताया इतिहास तो जवानों ने थ्री-नॉट-थ्री को चूम कर किया विदा
मौका तो गणतंत्र दिवस की परेड का था लेकिन यहां एक और इतिहास पुलिस लाइंस के परेड ग्राउंड पर रख दिया गया। ये इतिहास था जिले से पुलिस की हमसफर रही थ्री नॉट थ्री राइफल का। लगभग 15 किलो वजन की वही राइफल जिसने आजादी के बाद से अब तक न जाने कितनी बार अपराधियों से बेखौफ होकर लोहा लिया और पुलिस की मददगार साबित होती रही।
लखीमपुर : मौका तो गणतंत्र दिवस की परेड का था लेकिन, यहां एक और इतिहास पुलिस लाइंस के परेड ग्राउंड पर रख दिया गया। ये इतिहास था जिले से पुलिस की हमसफर रही थ्री नॉट थ्री राइफल का। लगभग 15 किलो वजन की वही राइफल जिसने आजादी के बाद से अब तक न जाने कितनी बार अपराधियों से बेखौफ होकर लोहा लिया और पुलिस की मददगार साबित होती रही। लंबी दूरी तक मार करने वाली थ्री नॉट थ्री राइफल में ऐसी तमाम खूबियां थीं, जिनको सुनते वक्त जवानों की आंखें नम सी होने लगीं। इस राइफल का इतिहास सुनने और जिले से उसकी विदाई के मौके पर परेड के लिए जुटे जवान खुद को रोक न सके और राइफल को कई बार अपने मस्तक पर लगाया और उसको चूम कर विदा किया।
थ्री नॉट थ्री राइफल की खूबियां बताते हुए एसपी पूनम ने कहा कि यही राइफल थी, जिसने कई बार पुलिस के साथ बड़े से बड़े ऑपरेशन किए और कभी भी धोखा नहीं दिया। इस राइफल के बल पर बड़े-बड़े अपराधी और दस्यु भी पुलिस ने मार गिराए लेकिन, तकनीक और आधुनिकता के साथ चलना पुलिस के लिए चुनौती भी है और जरूरत भी। लिहाजा जिले से थ्री नॉट थ्री राइफल का विदा होना जरूरी है और अब उसका वक्त आ चुका है। ये सुनकर पुलिस के जवान भावुक हो गए। एसपी ने जब इस बात की औपचारिक घोषणा की कि अब जिले को थ्री नॉट थ्री राइफल से मुक्त किया जाएगा तो जवान अपने आप को रोक न सके। जवानों ने कई बार अपने कंधे पर रखी राइफल को चूमा, फिर मस्तक से लगाया और उसे परेड के बाद पुलिस लाइंस के शस्त्रागार में जमा करा दिया गया। इस राइफल से मुक्त हुई पुलिस अब बेहद हल्की अत्याधुनिक इंसास राइफल का इस्तेमाल करेगी।