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डीएम कार्डियोलॉजी परीक्षा में स्पर्श भल्ला को मिला 56वां रैंक

डॉ. स्पर्श भल्ला ने ऑल इंडिया नीट सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (डीएम) कार्डियोलॉजी परीक्षा में 56वां रैंक प्राप्त किया है। जिले में करना चाहते हैं अत्याधुनिक हृदय रोग केंद्र की स्थापना।

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 Sep 2020 11:20 PM (IST)Updated: Wed, 30 Sep 2020 05:10 AM (IST)
डीएम कार्डियोलॉजी परीक्षा में स्पर्श भल्ला को मिला 56वां रैंक
डीएम कार्डियोलॉजी परीक्षा में स्पर्श भल्ला को मिला 56वां रैंक

लखीमपुर : हृदय रोग विशेषज्ञों में शहर के मुहल्ला नई बस्ती निवासी डॉ. स्पर्श भल्ला ने ऑल इंडिया नीट सुपर स्पेशलिटी डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन (डीएम) कार्डियोलॉजी परीक्षा में 56वां रैंक प्राप्त किया है। हृदय रोग विशेषज्ञता के क्षेत्र में यह भारत की सर्वोच्च डिग्री मानी जाती है। जिसमें स्पर्श ने अपना नाम दर्ज कराया है। जिले में इस डिग्री को प्राप्त करने वाले अब तक के वे पहले व्यक्ति हैं। डॉ. स्पर्श भल्ला, अनिल भल्ला व शशि भल्ला के पुत्र हैं। वे न्यू इरा पब्लिक स्कूल के मेधावी छात्र रहे हैं। इसके अलावा वाईडी कॉलेज से बीएससी परीक्षा में सर्वाधिक अंक लाने पर उन्हें राज्यपाल के द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।

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स्पर्श भल्ला के पिता अनिल भल्ला मुहल्ला राजगढ़ के न्यू इरा पब्लिक स्कूल के संचालक हैं तथा माता साधारण गृहणी हैं। पत्नी मोनीषा खरे लखनऊ मेडिकल कॉलेज में स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। स्पर्श बताते हैं कि शुरुआत से ही उन्हें जिले में हृदय रोग विशेषज्ञ की कमी खलती थी। वर्ष 2009 में कानपुर के मेडिकल कॉलेज जीएसवीएम से एमबीबीएस करने के बाद उन्होंने, इसीलिए हृदय रोग विशेषज्ञ की राह चुनी। कुछ समय बलरामपुर चिकित्सालय के विद्यार्थियों को भी पढ़ाया। इसके अलावा इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस और एमडी की डिग्रियां विशेष योग्यता के साथ प्राप्त कीं। प्रयागराज, अहमदाबाद में हुए सेमिनार में बेस्ट रेजिडेंट ऑफ मेडिसिन से उन्हें अलंकृत किया गया। वे बताते हैं कि उनके अनेक शोधपत्र अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हुए हैं, विश्व स्तर पर उन्हें प्रशस्ति पत्र भी मिले हैं। अपनी सफलता के बारे में डॉ. स्पर्श भल्ला का कहना है कि माता-पिता की प्रेरणा रही जिसके कारण अब लखीमपुर को वे कुछ दे सकेंगे। उनका कहना है कि जिलेवासियों को हमेशा हृदय रोग की चिकित्सा के लिए जिले से बाहर ही भागना पड़ता है। इसके लिए वे अब जिले में ही एक अत्याधुनिक हृदय रोग केंद्र की स्थापना करना चाहते हैं, जिसमें आधुनिक उपकरणों के साथ हृदय रोगियों को चिकित्सा मिल सके और रोगियों शहर से बाहर न दौड़ना पड़े।


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