नहीं थम रही शारदा की कटान, एक और घर नदी में समाया
शारदा नदी की कटान थमती नजर नहीं आ रही है
लखीमपुर : शारदा नदी की कटान थमती नजर नहीं आ रही है। सोमवार को एक घर और नदी में समा गया। कुछ और घर कटान के निशाने पर हैं। लोग अपने घरों को अपने हाथों से तोड़ रहे हैं।
शारदा नदी निघासन तहसील के ग्रंट नंबर 12 के अहिराना (मझरी) में कटान कर रही है। लोग अपने घरों को तोड़ रहे हैं। पूरे-पूरे घर नदी निगलती जा रही है। सोमवार को मुन्नी लाल का घर नदी में चला गया। उन्हें ईंटें निकालने का भी समय नहीं मिला। सब कुछ होने के बाद भी कटान रोकने के कोई इंतजाम नहीं किए गए। अगर इसी तरह कटान होती रही तो गांव का नामोनिशान मिट जाएगा। कटान पीड़ित अब ईंटें तोड़कर दूसरी जगह ले जा रहे हैं। कुछ लोग बांध पर अपना सामान लेकर पहुंचे हैं, वहीं कुछ अन्य जगहों पर झोपड़ी डालकर अपने बच्चों के साथ रह रहे हैं। ग्रामीण काफी रोष में हैं। प्रशासन की नजर क्यों नहीं पड़ रही है। धीरे-धीरे पूरा गांव नदी में समाता जा रहा है, फिर भी कोई भी प्रशासनिक अधिकारी की नजर उधर क्यों नहीं जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि नदी रोज एक घर तो कहीं चार-चार घरों को निगलती जा रही है। उनका हाल जानने के लिए न तो कोई अधिकारी आए न ही कोई नेता आया। कटान रोकने को लगे परक्यूनपाइन स्टेट हुए धराशाई लखीमपुर : सिचाई विभाग द्वारा मोहाना नदी की कटान रोकने के लिए लगाए परक्यूनपाइन स्टेट पूरी तरह धराशाई हो गए। मोहाना नदी की तेज धार के आगे परक्यूनपाइन स्टेट का कार्य टिक न सका। इसके बाद कटान तेजी से शुरू होने के कारण ग्रामीणों में हाहाकार मचा हुआ है।
ग्राम पंचायत गंगानगर के मजरा तिलहा गांव में सिचाई विभाग द्वारा मोहाना नदी की कटान रोकने के लिए परक्यूनपाइन स्टेट से कार्य किया गया था। बारिश का मौसम शुरू हुआ बारिश शुरू हुई नदी की तेज लहरें इस अस्थायी बचाव कार्य को अपने में बहा ले गई। आश्चर्य तो इस बात का है कि सिचाई विभाग मोहाना नदी की कटान से गांव को बचाने के लिए ठोस उपाय क्यों नहीं करता। आखिर बचाव कार्य के नाम पर सरकार का लाखों करोड़़ों रुपया पानी में क्यों बहाया जा रहा है। ऐसा नहीं कि सिचाई विभाग के अधिकारियों को यह सब पता न हो लेकिन, अपने स्वार्थ के लिए सिचाई विभाग के अधिकारी कोई भी ठोस उपाय करना ही नहीं चाहते हैं।
ग्राम प्रधान पति चरणजीत सिंह ने बताया कि सिचाई विभाग ने तिलहा गांव को मोहाना नदी की कटान से बचाने के लिए परक्यूनपाइन स्टेट से बचाव कार्य किया था लेकिन, नदी की लहरों के आगे यह बचाव कार्य पूरी तरह धराशाई हो गया है। वहीं कटान भी तेज हो गया है जिससे तिलहा गांव पर कटान का खतरा पूरी तरह मंडराने लगा है। बचाव कार्य की बावत जब सिचाई विभाग के जेई हरीश वर्मा से बात की गई तो वह ठीक से कोई जवाब नहीं दे सके। उन्होंने सिर्फ इतना कहा कि जैसा सरकार के प्रतिनिधियों से निर्देश मिले थे वैसे रिपोर्ट बनाकर काम किया गया है। इसमें वह कुछ नहीं कर सकते हैं।