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बड़े खतरे का संकेत तो नहीं शारदा का गिरता जलस्तर

शारदा का जलस्तर बढ़ते ही बढ़ जाती है ग्रामीणों के माथे की सिकन। नदी के किनारे बसे ग्रामीण भूकटान शुरू होने की आशंका जता रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 26 Jul 2020 11:00 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jul 2020 06:07 AM (IST)
बड़े खतरे का संकेत तो नहीं शारदा का गिरता जलस्तर
बड़े खतरे का संकेत तो नहीं शारदा का गिरता जलस्तर

लखीमपुर : तहसील क्षेत्र पलिया-गोला के विकास खंड बिजुआ के तराई इलाके में बह रही इस उफनाती शारदा नदी का बीते दो दिनों से जलस्तर घटना शुरू हो गया है। नदी के जलस्तर में आ रही कमी से नदी के किनारे बसे ग्रामीण भूकटान शुरू होने की आशंका जता रहे हैं। नदी के बिल्कुल किनारे पर बसे गांव रेवतीपुरवा के निचले इलाके के खेतों में भरा नदी का पानी उतरने लगा है। बझेड़ा, मिस्त्रीपुरवा, लौकहा, बलदेवपुरवा, रेउतीपुरवा आदि गांवों के क्षेत्रों में बाढ़ के दिनों में नदी लगभग हर वर्ष भूकटान कर उपद्रव मचाती रहती है। नदी का कटान रोकने के लिए हर साल करोड़ों की लागत से जो बाढ़ राहत कार्य कराए जाते हैं। वह समय से ना कराए जाने के कारण नदी की भेंट चढ़ जाते हैं और उनसे कटान पर अंकुश भी नहीं लग पाता है। विगत कुछ दिनों से हुई बरसात के कारण नदी में उफान के हालात बन गए थे, नदी किनारे बसे गांव बझेड़ा के घरों के बिल्कुल किनारे व रेउतीपुरवा में फसलों में घुस गया था। अब नदी का जलस्तर घटने लगा है। नदी के जलस्तर में कमी आने से अब बझेड़ा से रेउतीपुरवा तक के गांवों के लोग भूकटान के साथ गांवों के कटने की आशंका व्यक्त कर रहे हैं।

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क्या कहते हैं इलाके पीड़ित किसान

अभिलाष चंद्र ने बताया कि बझेड़ा में वर्षो पहले हमारे पूर्वजों ने एक मिनी क्रेशर लगी थी जो शारदा के मोहने में समा गई उसके बाद जमीन ही सहारा थी वह भी कट चुकी है अब घर के किनारे आ गई है जलस्तर कम हुआ है यदि अब कटान हुआ तो बेघर हो जाएंगे

रामऔतार निवासी बझेड़ा ने बताया ने कि कई करीब एक किलोमीटर नदी के अंदर करीब आठ एकड़ जमीन थी जिसपर मक्का आदि बोते थे जो अब धीरे-धीरे बढ़ती हुई गाव के किनारे वाली जमीन पर आ गई है अब तो जीवन गुजरना मुश्किल है।

संतराम भार्गव निवासी बझेड़ा ने बताया की हर साल बांध बाधा जाता है लेकिन उसके अगले साल बांध कट जाता है। अभी दो वर्ष पहले बिहार व लखनऊ की टीम आई थी जिसने ड्रोन कैमरे से निरीक्षण किया था। यदि इस नदी का बांध न बांध कर नदी का गहरान कराया जाए तो नदी के कटान को रोक जा सकता है।

मनोज कुमार निवासी बझेड़ा ने बताया कि अभी दो दिनों से नदी का जलस्तर कम हुआ है। पानी कम होने पर नदी कटान करती है। कम हुए जलस्तर ने हम किसानों की चिताएं बढ़ा दी हैं। जिम्मेदार की सुनिए ये सही है कि पलिया इलाके में बाढ़ एक बड़ी समस्या बनी है, खासकर बिजुआ व उसके पास के गांवों में, ये दिक्कत नेपाल बनबसा बैराज व पीलीभीत से छोड़े जाने वाले पानी से होती है। इसमे कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं लेकिन अपेक्षाकृत राहत अभी नहीं मिली। सरकार से इस बारे में वार्ता चल रही है जल्दी ही समस्या का समाधान कराया जाएगा।

अजय कुमार मिश्र टेनी

सांसद , खीरी


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