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आधे छात्र भी नहीं जाते सरकारी स्कूलों में पढ़ने

बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भले ही कागजों में प्राइमरी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने का ढोल पीट रहे हों लेकिन, जमीनी हकीकत इससे कोसो दूर हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Feb 2019 11:19 PM (IST)Updated: Sat, 16 Feb 2019 11:19 PM (IST)
आधे छात्र भी नहीं जाते सरकारी स्कूलों में पढ़ने
आधे छात्र भी नहीं जाते सरकारी स्कूलों में पढ़ने

लखीमपुर: बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी भले ही कागजों में प्राइमरी स्कूलों में छात्र संख्या बढ़ने का ढोल पीट रहे हों लेकिन, जमीनी हकीकत इससे कोसो दूर हैं। बीएसए का निरीक्षण ये आईना दिखाने को काफी है। फूलबेहड़ ब्लॉक के छह परिषदीय स्कूलों में पंजीकृत कुल 692 छात्रों के सापेक्ष महज 310 छात्र ही मिले। शिक्षकों की लापरवाही भी सामने आई और एमडीएम में भी गड़बड़ी मिली।

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बिजुआ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय गिरधरपुर में निरीक्षण के दौरान सहायक अध्यापक जितेंद्र कुमार, शिक्षा मित्र राजेश भार्गव व सुधीर कुमार अनुपस्थिति मिले। इंचार्ज अध्यापक राम मिलन मिश्रा व सहायक अध्यापक अमिता तिवारी बिना किसी सूचना 12 व 13 फरवरी को अनुपस्थिति पाए गए। कुल नामांकित छात्र संख्या 73 के सापेक्ष 33 छात्र ही उपस्थिति मिले। एसएमसी रजिस्टर देखने को नहीं मिला। सहायक अध्यापक अमिता तिवारी के विद्यालय में कार्यरत होने के संबंध में छात्रों व ग्रामीणों से जानकारी नहीं है। इंचार्ज अध्यापक राममिलन व अमिता तिवारी के विरूद्ध कार्रवाई के लिए अलग से आदेश जारी किया जाएगा। प्राथमिक विद्यालय खखरा मिर्जापुर में प्रधानाध्यापक प्रतिराम ¨सह व अन्य शिक्षक उपस्थिति मिले लेकिन, कुल नामांकित 86 के सापेक्ष 41 छात्र ही मिले। एमडीएम पंजिका अपूर्ण पाई गई। विद्यालय की रंगाई पुताई मानक के अनुसार नहीं मिला। प्राथमिक विद्यालय पकरिया कुल नामांकित 122 के मुकाबले महज 58 ही पाए गए। इसी तरह प्राथमिक विद्यालय मुड़िया खुर्द में भी 142 के मुकाबले महज 75 छात्र ही पाए गए। मुड़िया खुर्द उच्च प्राथमिक विद्यालय में कुल 132 छात्रों के सापेक्ष सिर्फ 52 छात्र ही उपस्थिति मिले। विद्यालय की व्यवस्थाएं संतोषजनक मिलीं। वहीं प्राथमिक विद्यालय बसैगापुर में भी 142 छात्रों के सापेक्ष महज 51 छात्र ही मिले। बीएसए ने भले ही अपने निरीक्षण के दौरान कई स्कूलों की व्यवस्था चाक-चौबंद मिली हो लेकिन, छात्र पंजीकरण के मुकाबले उपस्थिति घटने से यह साफ है कि अभियानों को चलाने में अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं। स्कूलों में छात्र संख्या घटने के बावजूद बीएसए इसमें सुधार की बात कह रहे हैं। उनके मुताबिक पहले 50 से 55 प्रतिशत उपस्थिति थी लेकिन, अब 69 प्रतिशत तक आंकड़ा पहुंच गया है।


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