अकीदतमंदों ने कहा रमजान को अलविदा
न गंज की जामा मस्जिद तथा अन्य दूसरी मस्जिदों में भी नमाज पढ़ाई जाती थी। इस बार लॉक डाउन के चलते मस्जिदों में तीन से चार की संख्या रही।सुबह से घरों पर ही नमाज की तैयारी होती रही। दोपहर के डेढ़ बजे से दो बजे के बीच सभी जगहों पर अलविदा की नमाज पूरी कर ली गई।
लखीमपुर: अकीदतमंदों ने नम आंखों से माहे रमजान को अलविदा कहा। मस्जिदों में जहां तीन से चार की संख्या रही। वहीं घरों पर अकीदतमंदों ने नमाज पढ़ी और सलामती की दुआ मांगी। लॉक डाउन के चलते सड़कों पर सन्नाटा रहा। हर बार जैसी चहल-पहल नहीं रही। आलमेदीन ने एक दिन पहले ही मस्जिदों से ऐलान करके अकीदतमंदों को घरों पर नमाज पढ़ने की अपील की थी। उसी के मुताबिक दूसरे दिन शुक्रवार को अलविदा की नमाज के दौरान अकीदत मंदो ने घरों पर ही नमाज अदा की। मस्जिदों में पेश इमाम मस्जिद के सेक्रेटरी समेत तीन से चार लोग ही मौजूद रहे।
इस्लामिक मान्यता के मुताबिक अरबी कैलेंडर के महीने रमजान के आखिरी शुक्रवार को अलविदा की नमाज पढ़ाई जाती है जिस दिन अकीदत मंद इस माह ए मुकद्दस को हमेशा के लिए अलविदा कहते हैं। हर बार ईदगाह समेत थरबरन गंज की जामा मस्जिद तथा अन्य दूसरी मस्जिदों में भी नमाज पढ़ाई जाती थी। इस बार लॉक डाउन के चलते मस्जिदों में तीन से चार की संख्या रही।सुबह से घरों पर ही नमाज की तैयारी होती रही। दोपहर के डेढ़ बजे से दो बजे के बीच सभी जगहों पर अलविदा की नमाज पूरी कर ली गई। इस दौरान शहर में मस्जिदों के आसपास पुलिस बल भी तैनात रहा।