यही रात अंतिम, यही रात भारी..
रामायण धारावाहिक में इस बार खास बात ये नजर आ रही है कि लॉकडाउन में घर के अंदर बैठा युवा वर्ग भी इसे पूरी तन्मयता से देख रहा है।
लखीमपुर: अस्सी के दशक में लोगों को टीवी स्क्रीन से बांध देने वाले लोकप्रिय धारावाहिक रामायण तीस साल के बाद भी दर्शकों पर अपनी अमिट छाप छोड़ रहा है। शुक्रवार को उसी रामायण में राम-रावण का युद्ध देख लोग इस कदर भाव-विभोर हुए कि उनकी आंख आसुओं से डबडबा गईं। निर्णायक युद्ध से एक रात पहले का गीत बस एक रात की है कहानी ये सारी ये ही रात अंतिम यही रात भारी..को लोग सांस रोंक कर सुनते नजर आए। गायक रविद्र जैन की आवाज में ये गीत आज भी उतना ही ताजा तरीन लगा जितना उन दिनों में लगा था।
लॉकडाउन में घर के अंदर बैठा युवा वर्ग भी इसे पूरी तन्मयता से देख रहा है। इतिहास संकलन समिति के विभाग संयोजक राजेश दीक्षित कहते हैं कि रामायण का हर पात्र चाहे वह राम की सेना का हो या रावण की लंका का सभी में कुछ न कुछ न कुछ ऐसा है जिसे युवाओं को आत्मसात करना चाहिए।