वेतन की मांग को लेकर सफाईकर्मियों ने दिया धरना
अधिशाषी अधिकारी ने कोई रुचि नहीं ली। इस कारण उनका काम तो छूट गया लेकिन उनका पुनर्वासन की कार्रवाई नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि पहले भी ठेका कर्मचारियों का 26 दिन कार्य लेने का आदेश था लेकिन पूरे माह का वेतन कार्य लेकर वेतन दिया जाता रहा है लेकिन अब 26 दिन का ही वेतन दिये जाने से आर्थिक हानि हो रही है।
लखीमपुर : जिले में मैनुअल स्कैवंजिग के कर्मचारियों को अधिकारियों की लापरवाही के कारण आज भी न्याय नहीं मिल पा रहा है। इससे गुस्साए लोगों ने बुधवार को आंबेडकर पार्क में धरना देकर न्याय की मांग की। मैनुअल स्कैवंजिग जिला निगरानी कमेटी सदस्य चंदन लाल वाल्मीकि
के नेतृत्व में धरना दिया गया। जिसमें नाला सफाई कर्मचारी, सैप्टिक टैंक के कर्मचारी, रेलवे ट्रैक के कर्मचारियों व हाथ से मल मूत्र साफ करने वाले 2013 से अब तक सर्वे में छूटे सफाई कर्मचारियों को शामिल करना था, लेकिन लाख कोशिश के बाद भी पात्र कर्मचारियों को अभी तक शामिल नहीं किया।
चंदन लाल वाल्मीकि ने बताया सर्वे का जिम्मा शहरी क्षेत्र में अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका परिषद व नगर पंचायत को दिया गया। ग्रामीण क्षेत्र के सर्वे का जिम्मा जिला पंचायत राज अधिकारी को दिया गया। शहरी क्षेत्र में बरबर, मोहम्मदी, मैलानी को छोड़कर किसी भी अधिशासी अधिकारी ने कोई रुचि नहीं ली। इस कारण उनका काम तो छूट गया, लेकिन उनका पुनर्वासन की कार्रवाई नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि पहले भी ठेका कर्मचारियों का 26 दिन कार्य लेने का आदेश था, लेकिन पूरे माह का वेतन कार्य लेकर वेतन दिया जाता रहा है, लेकिन अब 26 दिन का ही वेतन दिये जाने से आर्थिक हानि हो रही है। धरने देने वालों में महेश प्रसाद वाल्मीकि, संतोष वाल्मीकि, सीईओ क्लीन सिटी मार्डन सैनिटेशन सोसाइटी के विकेंस सहित दर्जनों महिला पुरुषों ने भाग लिया।