'दमनकारी नीति अपना रही आवास विकास परिषद'
जागरण संवाददाता लखीमपुर शहर से सटे ग्राम राजापुर में किसानों की उपजाऊ भूमि के आवास विकास परिषद की ओर से अधिग्रहण को लेकर मामला गरमाता जा रहा है।
लखीमपुर : शहर से सटे ग्राम राजापुर में किसानों की उपजाऊ भूमि के आवास विकास परिषद की ओर से अधिग्रहण को लेकर मामला गरमाता जा रहा है। किसानों ने इसे नियम विरुद्ध किया जाने वाला जबरन अधिग्रहण करार दिया है। किसानों का कहना है कि आवास विकास परिषद दमनकारी नीति अपनाकर उनका शोषण कर रही है। बुधवार को पीड़ित किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने भारतीय किसान यूनियन लोकतांत्रिक के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह चौहान व जिलाध्यक्ष प्रदीप शुक्ला श्यामू की अगुवाई में डीएम से मिलकर ज्ञापन सौंपा।
सात सूत्रीय ज्ञापन में कहा गया है कि राजापुर के किसानों की जमीनें पूर्व में पांच बार अधिग्रहित की जा चुकी है। इन पांच अधिग्रहणों के बाद मंडी समिति, आइटीआइ, इंडस्ट्रियल एस्टेट, आवास विकास कॉलोनी व डायट की स्थापना की गई। ऐसे में अब पुन: राजापुर में ही भूमि अधिग्रहण कर किसानों को भूमिहीन करना अनैतिक व अनुचित है। 80 फीसद किसानों ने अधिग्रहण के खिलाफ शपथपत्र दिया, फिर भी जबरन अधिग्रहण किया जा रहा है, जो अधिग्रहण नीति के विरुद्ध है। प्रस्तावित अधिग्रहण क्षेत्र में अधिकतम भूमि अत्यंत उपजाऊ व खेती योग्य है एवं भूमिधरों की आजीविका का मुख्य स्त्रोत है, पर उनकी आजीविका का हनन किया जा रहा है। अधिग्रहण की जद में आने वाली भूमि पर किसानों के पैतृक आवास बने हैं व लघु, मध्यम उद्योग चल रहे हैं, ऐसे में किसानों को जबरन विस्थापित किया जा रहा है। किसानों को डराया व झूठे मुकदमे लिखाए जा रहे हैं। आवास विकास परिषद ने मुआवजे की दर 17.91 रुपये प्रति वर्गफुट घोषित की है, जो मौजूदा मूल्य से सैकड़ों गुना कम है। इससे ये साबित होता है कि परिषद की मंशा पूर्णत: कुटिल व अहितकारी है। परिषद द्वारा अभी तक कराई गई सभी कार्यवाही पक्षपातपूर्ण व शासन को गुमराह करने वाली है।