शोषण के विरुद्ध लामबंद हुए एंबुलेंस कर्मचारी
जा रही है।आठ केस व पांच केस का टारगेट देते हुए फर्जी केस का दबाव बनाया जा रहा है। जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष पवन शुक्ला ने बताया कि गुरुवार की रात आठ बजे से एंबुलेंस सेवा बाधित कर दी जाएगी जोकि मांगे मांगने जाने तक बंद रहेगी इस दौरान सारे कर्मचारी विरोधी मैदान में बैठकर धरना देंगे।
लखीमपुर: स्वास्थ्य विभाग में एंबुलेंस के माध्यम से अपनी सेवाएं दे रहे कर्मचारी व टेक्नीशियन ने अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है यही नहीं धरना प्रदर्शन कर रहे 108 102 तथा एएलएस एंबुलेंस कर्मचारी तथा सेवा प्रदाताओं ने कंपनी के साथ हुए समझौते में अवहेलना की बात बताते हुए कहा है कि उनका मानसिक शारीरिक और आर्थिक शोषण किया जा रहा है। कंपनी और कर्मचारियों के बीच कई बार वार्ता के बाद कंपनी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। इसे लेकर चार सूत्रीय मांगों के तहत जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग 108-102 जिला अध्यक्ष पवन शुक्ला के नेतृत्व में धरना शुरू कर दिया है। गुरुवार की रात से ही एंबुलेंस सेवा भी बाधित कर दी जाएगी।
विलोबी मैदान के गांधी स्टेडियम पर धरना प्रदर्शन कर रहे जीवन दायिनी स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने डीएम को संबोधित ज्ञापन में कहा है कि पूरे जिले में 19200 कर्मचारी हैं, जो एंबुलेंस संचालन के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं में सहभागिता करते हैं। एंबुलेंस कर्मचारी संघ और सेवा प्रदाता कंपनी के बीच अपर श्रमायुक्त के समक्ष हुए समझौते को न मानते हुए ओवरटाइम वेतन का भुगतान तक नहीं किया जा रहा है। पीएफ का पैसा छह महीने से कंपनी जमा नहीं कर रही है,इसकी जांच की जाए। सेवा प्रदाता कंपनी भर्ती के नाम पर चालकों से 25 हजार मेडिकल टेक्नीशियन से 50 हजार रुपए के डीडी बनवा कर वसूली कर रही है। छह महीने से पीएफ नहीं जमा किया गया है। बढ़ी हुई सैलरी श्रमायुक्त समझौते के मुताबिक नहीं जा रही है।आठ केस व पांच केस का टारगेट देते हुए फर्जी केस का दबाव बनाया जा रहा है। जीवनदायिनी स्वास्थ्य विभाग के अध्यक्ष पवन शुक्ला ने बताया कि गुरुवार की रात आठ बजे से एंबुलेंस सेवा बाधित कर दी जाएगी जोकि मांगे मांगने जाने तक बंद रहेगी इस दौरान सारे कर्मचारी विरोधी मैदान में बैठकर धरना देंगे। इस मौके पर धरना देने वालों में जिला कोषाध्यक्ष जयशंकर मिश्रा जिला उपाध्यक्ष अतुल कुमार मोहित कुमार गौहर खान आशीष राजेंद्र अंकित अशरफ समेत काफी संख्या में कर्मचारी व टेक्नीशियन शामिल थे।