बारिश के चार माह टापू सा जीवन जीते हैं नया पिड के लोग
अधिकारियों की उदासीनता का शिकार है ग्रामीण। नदी के उफनाने से जर्जर रपटा पुल पर दो से तीन फुट बहता है बाढ़ का पानी। गांव के लोगों का सहारा नाव बनती है।
लखीमपुर : न कर्दा गुनाहों की मिले दाद या रब। इन कर्दा गुनाहों की सजा क्या है। मिर्जा गालिब का यह शेर ग्राम पंचायत खैरटिया के मजरा नया पिड वासियों पर बिल्कुल सटीक बैठता है। ग्राम पंचायत खैरटिया के मजरा नया पिडवासियों के साल के चार महीने काफी दर्द भरे बीतते हैं। गांव के तीन तरफ मोहाना नदी बहती है, तो एक तरफ रपटा पुल से होकर गांव जाने का मार्ग है। रपटा पुल की हालत भी इतनी जर्जर है कि इस पर पैदल चलना लोहे के चने चबाने के बराबर है। हालांकि गांव के लोगों ने रपटा पुल पर मिट्टी का पटान कर आने-जाने भर का मार्ग तैयार किया है। कच्चा होने के कारण जरा सी बारिश में भी यह मार्ग दलदल में तब्दील हो जाता है। गांव के लोगों का सहारा नाव बनती है। गांव के लोग जान जोखिम में डाल नाव से सफर कर तिकुनिया व खैरटिया आकर जरूरी सुविधाओं का सामान खरीदते हैं। ग्रामीण गुरमीत सिंह कहते हैं कि आखिर उनके गांव के लोगों ने ऐसा कौन सा अपराध कर दिया जिसका उन्हें ऐसा दर्द दिया जा रहा है। कोई भी अधिकारी अफसर उनकी नहीं सुन रहा है। गुरमीत सिंह ने बताया कि रपटा पुल जब तक ऊंचा नहीं बनाया जाएगा, तब तक गांव टापू बना ही रहेगा। उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी रिपोर्ट : एसडीएम
उप जिलाधिकारी निघासन ओम प्रकाश गुप्ता ने ग्राम नया पिड की इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए बताया कि जल्द ही इसकी रिपोर्ट तैयार कर उच्चाधिकारियों को भेजी जाएगी। उन्होने कहा कि गांव के लोगों को इस समस्या से जल्द से जल्द निजात दिलाने का भी प्रयास किया जाएगा।